मुसाबनी. बागजाता माइंस मेन गेट से डुंगरीडीह तक जर्जर सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर महिला, पुरुष व बच्चों ने प्रखंड कार्यालय के सामने सोमवार को सांकेतिक धरना व प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में फूलझरी, बागजांता, विक्रमपुर, दलमाकोचा, सारूदा, बाकड़ा, भादुआ समेत करीब एक दर्जन से अधिक गांवों व टोल के लोग शामिल हुए. ग्रामीणों ने हाथों में तख्तियां लेकर हमारी मांगें पूरी करो, सड़क निर्माण जल्द कराओ का नारा लगाया. इसके बाद गाजे-बाजे के साथ आठ किमी जर्जर सड़क पर पैदल मार्च कर प्रखंड कार्यालय पहुंचे और धरना पर बैठ गये.
ग्रामीणों ने कहा कि सड़क निर्माण की मांग वर्षों पुरानी है. कहा कि तीन किमी तक सड़क बदहाल है. प्रखंड कार्यालय के समक्ष नारेबाजी करने के बाद ग्रामीण प्रखंड कार्यालय के बगल में धरना स्थल पर पहुंचे. धरना में प्रमुख रामदेव हेंब्रम, पूर्व जिप सदस्य बुद्धेश्वर मुर्मू भी शामिल होकर सड़क निर्माण की मांग का समर्थन कर हौसला बढ़ाया.निर्माण होने तक आंदोलन जारी रहेगा : ग्रामीण
धरना को पूर्व पंसस हरिपद भकत, गोहला के ग्राम प्रधान सिंगराई हांसदा, भादुआ के ग्राम प्रधान शोले हांसदा, फूलझरी के श्रीराम मुर्मू , सोनाराम सोरेन, लोबो हांसदा, पालू मुर्मू, शिबू रंजन हांसदा, मानसिंह सोरेन, सिंधु हासदा समेत कई लोगो ने संबोधित किया. कहा कि सड़क निर्माण की मांग अनसुनी की जाती रही है. सड़क के लिए सड़क पर उतरने को ग्रामीण विवश हो गये. सड़क निर्माण होने तक आंदोलन जारी रहेगा. धरना-प्रदर्शन में पर्वत हांसदा, वंदना पाल, छोटाराय सोरेन, गोविंद कैवर्त, अरुण कुमार भकत, आनंद कैवर्त, हरे कृष्णा कैवर्त, जगन्नाथ कैवर्त, मालिन भकत, मंगल मुर्मू, हेमंत भकत, सिंहासन कैवर्त, खुकुरानी भकत, संगीता कैवर्त, सुकरानी कैवर्त, कालो कैवर्त, जानकी पाल, गीता कैवर्त, अर्चना पातर, गीता रानी पातर, बलराम पातर, शिवानी पातर, लखी प्रिया पातर, सारोला हांसदा, केशरी पातर, साकरो माडी, रंजीत माडी, गोरी रानी सोरेन शामिल थे.धरना में शामिल स्कूली बच्चे- कहा- डीसी सर हम पढ़ना चाहते हैं, सड़क बनवा दें
जर्जर सड़क निर्माण के लिए माता-पिता के साथ पैदल स्कूली बच्चे भी धरनास्थल पर पहुंचे. विद्यार्थी भी हाथों में नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे. तख्तियों में डीसी साहब हम पढ़ना चाहते हैं, सड़क बनावा दें, एसडीओ साहब पढ़ाई के लिए सड़क जरूरी है. बीडीओ मैडम हमें सड़क चाहिए आदि नारे लिखे हुए थे. विद्यार्थियों ने कहा कि बदहाल सड़क से होकर हमें प्रतिदिन पढ़ने के लिए मुसाबनी व घाटशिला आना-जाना पड़ता है. जर्जर सड़क के कारण स्कूली बस भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है. बस चालक जर्जर सड़क की बात कह बस सेवा बंद कर देते हैं. विद्यार्थियों ने कहा कि पढ़ाई के लिए सड़क जरूरी है. जर्जर सड़क के कारण बीमार को समय पर इलाज के लिए अस्पताल ले जाने में परेशानी होती है. खासकर गर्भवतियों को अधिक परेशानी होती है.
बैठक में बनी सहमति
धरना पर बैठे ग्रामीण को वार्ता के लिए बुलाने सीआई शरद चंद्र बेरा धरनास्थल पहुंचे. प्रखंड कार्यालय में एसडीओ सुनील चंद्र की अध्यक्षता में सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता हुई. वार्ता में एसडीओ ने कहा कि 25 फरवरी से जर्जर सड़क में बने गड्ढो को भरने का काम यूसिल प्रबंधन करेगा. माइंस एजेंट, माइंस मैनेजर, सीओ, सीआइ व ग्राम प्रधान के साथ मिलकर सड़क में बने गड्ढों का निरीक्षण करेंगे. जहां सबसे पहले जरूरत होगी वहां सबसे पहले भरने का काम किया जायेगा. यूसीआइएल तत्काल सड़क की मेंटेनेंस का काम शुरू कर देगा. बैठक में यूसीआइएल प्रबंधन ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए आवश्यक राशि जिला प्रशासन को देने के लिए तैयार है. एसडीओ ने कहा कि जल्द यूसीआइएल प्रबंधन, प्रमुख व जिला परिषद के साथ उपायुक्त से मिलकर बागजांता माइंस गेट से डुंगरीडीह तक सड़क निर्माण की प्रक्रिया का स्थायी समाधान निकालने का प्रयास करेंगे. वार्ता में एसडीओ के आश्वासन के बाद 25 फरवरी से ग्रामीणों ने आमरण अनशन को स्थगित करने का निर्णय लिया है. वार्ता में बीडीओ अदिति गुप्ता, सीओ ऋषिकेश मरांडी, सीआइ शरत चंद्र बेरा, बागजांता माइंस मैनेजर रोहित कुमार, अपर प्रबंधक टी भट्टाचार्य, जिप सदस्य प्रतिनिधि बुद्धेश्वर मुर्मू, प्रमुख रामदेव हेंब्रम, हरिपद भकत, ग्राम प्रधान सिंगराई हांसदा, शोले हांसदा, सिराम मुर्मू, सूनाराम सोरेन, लोबो हांसदा, पालू मुर्मू, शिव रंजन हांसदा, मानसिंह सोरेन, मुखिया पर्वत हांसदा, पंसस वंदना पाल आदि उपस्थित थे.
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