घाटशिला : मऊभडार के निदेशक बंगला में गुरुवार को आइसीसी यूनिट के इकाई प्रमुख डीके चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आइसीसी कारखाना में पिछले दिनों कई कार्य हुए हैं और कारखाना के विकास और आधारभूत संरचानाओं के निर्माण में कंपनी ने खर्च किया है. जल्द ही हम बॉयलर की जगह पैकेज बॉयलर की स्थापना करने जा रहे हैं, जो प्लांट की जरूरतों को पूरा करेगा. साथ ही कारखाना को आधुनिक बनाने में मदद करेगा.
तांबा बनाने के अलावे हमारा मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र की जनता का विकास और कारखाना से जुड़े रोजगार और अन्य सुविधाओं का विस्तार करना है. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी होने के नाते मुनाफा कमाने के साथ-साथ सामाजिक लाभ प्रदान करना भी उद्देश्य है. तांबा के मूल्य में अभी भी गिरावट जारी है. इससे लाभ में कमी आयी है.
इसका ऋणात्मक प्रभाव कार्य कलापों पर पड़ने वाला है.आइसीसी इकाई एक मात्र इकाई है. जो खनन से लेकर तांबा बनाने का काम करती है. अन्य किसी इकाई में इतना विस्तृत काम नहीं किया जाता है. क्षेत्रफल, आबादी और प्राकृतिक संसाधनों के हिसाब से एचसीएल की सबसे बड़ी इकाई है. इसको चलाना एक जटिल और चुनौतीपूर्ण कार्य है.सरकारी कंपनी होने के नाते इसे कई नियम कानून के तहत काम करना पड़ता है. ऐसी चुनौतियों में जन सहयोग जरूरी है.