पदमपुर में 1897 से हो रही पूजा, इस बार आदिवासी ड्रामा मुख्य आकर्षण
खरसावां : खरसावां का प्रसिद्घ पदमपुर काली मेला दो नवंबर से शुरू होगा. मेला के आयोजन को लेकर मंदिर परिसर में अधिवक्ता अशोक कुमार बघेल की अध्यक्षता में मेला व पूजा आयोजन समिति की बैठक संपन्न हुई.
बैठक में तय किया गया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दो नवंबर से काली पूजा पर मेला का आयोजन किया जायेगा. मां काली की पूजा 1897 से चली आ रही पारंपरिक रीति रिवाज के साथ दो नवंबर को रात 10 बजे से शुरू होगी तथा विसजर्न आठ नवंबर को किया जायेगा.
मेला का आयोजन दो नवंबर से सात नवंबर तक किया जायेगा. मेला को शांति पूर्वक संपन्न कराने के लिए समाज के हर वर्ग से सहयोग की अपील की गयी. मेला में दुकान लगाने के लिये इच्छुक लोगों से हर हाल में 25 अक्तूबर तक समिति के पास अपना रजिस्ट्रेशन करा लेने को कहा गया.
बगैर रजिस्ट्रेशन के मेला में दुकान नहीं लगने देने की बात कही गयी. मेला में इस बार मुख्य रूप से आसमानी झूला, मौत का कुआं, चांद तारा झूला, ओड़िशा की दो ओड़िया नाटक ओपेरा, आदिवासी ड्रामा मुख्य आकर्षण होंगे. बैठक में मुख्य रूप से समिति के अध्यक्ष सुब्रत सिंहदेव, अनिरुद्ध सिंह, अजीत सिंहदेव, निरंजन सिंह, वीरेंद्र सिंह, रघुनाथ सिंह, सत्यनारायण मंडल, कमल नयन मंडल, बुधु मंडल, सोनू बेहरा, कालीचरण साहू, हर कुमार साहू, प्रदीप साहू, देवेंद्र साहू, चमचम बांदिया समेत काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.