गालूडीह. सुवर्णरेखा परियोजना के अंतर्गत गालूडीह बराज के 18 में से 15 गेट गुरुवार सुबह तक खोल दिये गये हैं. बराज से प्रति सेकेंड लगभग 7000 क्यूमेक पानी नदी की पूर्व दिशा में छोड़ा जा रहा है, जिससे गालूडीह से लेकर बहरागोड़ा तक सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है. नदी के दोनों किनारे लबालब भर गये हैं और किनारों पर मिट्टी का कटाव भी तेजी से हो रहा है. गौरतलब है कि बुधवार तक नदी में जलस्तर काफी कम था और नदी तल पर केवल पत्थर ही नजर आ रहे थे, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण गुरुवार सुबह नदी अचानक उफन पड़ी.
नदी में न जायें मछुआरे:
नदी के उफान को देखते हुए पुलिस प्रशासन और परियोजना पदाधिकारियों ने दिगड़ी, गाजूडीह, काशीडीह, देवली, चंद्ररेखा, चिटाघुडू, धातकीडीह, धोरासाई, अमाईनगर समेत तटवर्ती गांवों को अलर्ट किया है. मछुआरों को नदी में प्रवेश न करने की सख्त हिदायत दी गयी है.रात में ही सायरन बजाकर डैम के गेट खोले गये:
बराज की सुरक्षा में तैनात कर्मियों ने बताया कि रात से ही जलस्तर में वृद्धि हो रही थी. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रात में ही सायरन बजाकर एक-एक कर डैम के गेट खोले गये. गुरुवार सुबह जलस्तर और बढ़ने पर फिर से सायरन बजाकर गेट खोले गये. वर्तमान में केवल गेट नंबर 1, 17 और 18 बंद हैं, जिनमें से 17 नंबर गेट पहले से खराब है. बाकी 15 गेट खुले हुए हैं. इसके कारण सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर बढ़कर 81 मीटर से अधिक हो गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

