दुमका. इटानगर, अरुणाचल प्रदेश में आयोजित 42वीं सब-जूनियर राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता 2025 में दुमका के आवासीय बालक तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र के होनहार खिलाड़ी चन्द्रमोहन सोरेन ने भारतीय टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर झारखंड का नाम रोशन किया है. गरीब परिवार से आने वाले चन्द्रमोहन की इस उपलब्धि पर शनिवार को दुमका रेलवे स्टेशन पर उनका भव्य स्वागत किया गया. स्वागत समारोह में दुमका जिला तीरंदाजी संघ की अध्यक्ष डॉ लुईस मरांडी, संघ के संरक्षक बी किस्कू, जिला सचिव सह प्रशिक्षक देवीधन टुडू, झारखंड तीरंदाजी संघ के सीनियर उपाध्यक्ष केएन सिंह, कोषाध्यक्ष सूरज केशरी, उपाध्यक्ष डॉ. नारायण हांसदा, अग्नेश मुर्मू, सुनील सोरेन, सुबोध बास्की, सुशील हेम्ब्रम, मुखिया पंकज टुडू , कमीशन सोरेन (मुखिया भूटोकोरिया पंचायत) तथा मंटू सोरेन मुख्य रूप से उपस्थित रहे. केंद्र के मुख्य कोच जीतेन्द्र कुमार भी इस मौके पर मौजूद थे. चन्द्रमोहन के पिता प्रभुदयाल सोरेन, माता प्रमिला मुर्मू, नाना-नानी, चाचा-चाची, बड़े भैया सहित परिवार के अन्य सदस्य तथा केंद्र के सभी साथी खिलाड़ी भी बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशन पहुंचे और चन्द्रमोहन का उत्साहवर्धन किया. इस अवसर पर जिला खेल पदाधिकारी तूफान कुमार पोदार, दुमका के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मनोज मुर्मू, बुलबुल मरांडी, सुमनलता मुर्मू, रंजीत हेम्ब्रम सहित सैकड़ों खेलप्रेमियों, ग्रामीणों एवं शुभचिंतकों ने चन्द्रमोहन को बधाइयां दीं. अपनी जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चन्द्रमोहन ने कहा, “मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, कोच जीतेन्द्र कुमार, प्रशिक्षक देवीधन टुडू और झारखंड सरकार को देता हूं. राज्य सरकार ने रहने, खाने और प्रशिक्षण की सभी सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध करवाई हैं. यदि रिकर्व धनुष उपलब्ध हो जाए तो मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर देश और झारखंड का नाम रोशन करूंगा.” संघ के अध्यक्ष डॉ. लुईस मरांडी ने कहा कि चन्द्रमोहन जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी संथाल परगना ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड के लिए प्रेरणास्रोत हैं. आने वाले समय में झारखंड तीरंदाजी के क्षेत्र में कई नई ऊंचाइयों को छुएगा. चन्द्रमोहन की स्वर्णिम सफलता से दुमका जिले में खुशी की लहर दौड़ गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

