संवाददाता, दुमका. झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव निवास रजक की अध्यक्षता में आउटडोर स्टेडियम में बैठक आयोजित की गयी. बैठक में उपस्थित शिक्षकों ने नवसृजित प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली पर अपने अपने विचार व्यक्त किया. संगठन सचिव पवन मिश्रा ने कहा कि प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली में हाई स्कूल शिक्षक के लिए 15 वर्षों का शिक्षण अनुभव और अधिकतम आयु सीमा 45 रखा गया है, जो किसी भी दृष्टिकोण से युक्तिसंगत नहीं है. कुमार रणधीर ने कहा कि प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर रहते हुए राज्य के जितने शिक्षकों ने विद्यालय स्तर पर लगातार दो साल का सफल सेवा दी है उन सभी को बगैर किसी शर्त के प्रधानाध्यापक नियुक्ति हेतु योग्य आवेदक माना जाना चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग में सभी प्रभारी प्रधानाध्यापकों ने अपनी योग्यता कार्यक्षमता के आधार पर साबित कर दिखाया है. अब जब नियुक्ति की बात आ रही है तो इसे अयोग्य ठहराकर आवेदक बनने की योग्यता से ही बाहर कर रहे हैं. यह नाइंसाफी है. संघ के कोषाध्यक्ष मंतोष कुमार और परीक्षा सचिव विक्रम कुमार ने प्रभारी प्रधानाध्यापक को विद्यालय संचालन हेतु अलग से कुछ आर्थिक तौर पर विद्यालय संचालन भत्ता या प्रभारी प्रधानाध्यापक भत्ता देने की मांग का प्रस्ताव बैठक में रखा. इसके अलावा सामान्य शिक्षकों के स्थानांतरण पर भी सुशांत गोराई और संजीव कुमार दास ने अपने विचार रखे. सचिव निवास रजक ने कहा कि नवसृजित प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली के दोषपूर्ण तथ्यों को चिह्नित करते हुए संघ की तरफ से आपत्ति दर्ज कराते हुए यथोचित संशोधन हेतु अनुरोध पत्र राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा सचिव तथा शिक्षा मंत्री को ज्ञापन जल्द ही सौंपा जायेगा ताकि नियमावली में युक्तिसंगत संशोधन हो. अगर अनुरोध पत्र को नज़रअंदाज़ किया जाएगा है तो संघ शिक्षक स्थानांतरण और नवसृजित प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली के अनुचित बिंदु पर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर विचार करेगी. बैठक में उत्तम कुमार, लखीकांत रूज, भोला मंडल, अवधेश कुमार, अमृतेश कुमार, मलय कुमार आदि शिक्षक उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है