शिवदुर्गा ग्रामीण उन्नयन समिति की सोनाली बनीं प्रेरणा की स्त्रोत
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सोनाली ट्रेनिंग दे महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर
शिवदुर्गा ग्रामीण उन्नयन समिति की सोनाली बनीं प्रेरणा की स्त्रोत बिना किसी आर्थिक मदद के सोनाली 10 वर्षों से चला रहीं संस्था महिलाएं सीख रहीं टेराकोटा शिल्प आधारित डोरमेट व वाॅल हैंगिंग बनाना शिकारीपाड़ा : 17वीं शताब्दी में टेराकोटा शैली में निर्मित 108 मंदिरों का गांव मलुटी इन दिनों राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर छाया […]
बिना किसी आर्थिक मदद के सोनाली 10 वर्षों से चला रहीं संस्था
महिलाएं सीख रहीं टेराकोटा शिल्प आधारित डोरमेट व वाॅल हैंगिंग बनाना
शिकारीपाड़ा : 17वीं शताब्दी में टेराकोटा शैली में निर्मित 108 मंदिरों का गांव मलुटी इन दिनों राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर छाया हुआ है. वहीं दृढ़ इच्छाशक्ति रखने वाली सोनाली चटर्जी इलाके में लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी हुईं हैं. श्रीमति चटर्जी स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 2006-7 से ही एक स्वयंसेवी संस्थान की स्थापना कर आदिवासी व पिछड़ी महिलाओं को टेराकोटा शिल्प व जूट के बने डोरमेट व वाल हेंगिंग बनाने की ट्रेनिंग दे रही है. आज उनकी स्थापित संस्था ‘शिवदुर्गा ग्रामीण उन्नयन समिति’ में 50 से अधिक महिलाएं ट्रेनिंग प्राप्त कर रही हैं.
संस्था द्वारा बनने वाली अधिकांश कलाकृति मलुटी के मंदिरों में बनी कृतियों पर ही आधारित है. सोनाली ने बताया कि उनकी संस्था को किसी प्रकार की कोई आर्थिक मदद नहीं मिलती है. बताया कि सेंटर में तैयार किये गये डोरमेट व वाॅल हेंगिंग की बिक्री की प्राप्त राशि से समिति चलाती है. कमेटी में कुल सात सदस्य हैं. जिनमें चार महिला व तीन पुरुष हैं. वहीं संस्था के संचालन में सोनाली के पति बबलू चटर्जी की भूमिका भी अहम है.
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