मोक्षदा एकादशी सोमवारी को बासुकिनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी प्रतिनिधि, बासुकिनाथ मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष मोक्षदा एकादशी सोमवार को बाबा फौजदारीनाथ दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. प्रातः चार बजे भोर से ही मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने महादेव का पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की. माता बगलामुखी, मां तारा, मां दुर्गा, मां छिन्नमस्तिके आदि देवी के मंदिर में पूजा-अर्चना की. गर्भगृह में भोलेनाथ का दूध, दही, घी, मधू, भांग, फूल, बेलपत्र, नाग, पगड़ी, आदि से भव्य शृंगार पूजा की. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 40 हजार श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया. पुजारी ने षोडशोपचार विधि से बाबा फौजदारीनाथ की प्रभातकालीन पुरोहित पूजा की. उतरवाहिनी गंगा सुल्तानगंज से पैदल गंगाजल लाकर श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ का अभिषेक किया. तड़के ब्रह्म मुहूर्त से लेकर दिनभर पूजा-अर्चना का क्रम निरंतर जारी रहा. दिवाकालीन शृंगार विश्राम पूजा शाम पांच बजे तक श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ का दर्शन पूजन किया. भक्तों ने बाबा का गठबंधन ध्वजारोहण और पूर्व मनौतियों के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान और कर्मकांड संपन्न करवाये. साष्टांग दंडवत करते हुए भक्त भोलेनाथ के दरबार तक पहुंचे. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है. मोक्षदा एकादशी व्रत मन को पवित्र बनाकर जीवन में शांति, सद्भावना और आत्मिक उन्नति का अनुभव कराता है. पंडितों से संकल्प करा कर भक्तों ने मंदिर प्रांगण में दूध और अन्य अभिषेक द्रव्य से रुद्राभिषेक पूजन संपन्न करवाया. मंदिर गर्भगृह में श्रद्धालुओं का सुगमतापूर्वक जलार्पण को लेकर सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति की गयी थी.
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