दुमका : रेशम उत्पादन के क्षेत्र में झारखंड की जो पहचान है और संताल परगना ने जो उपलब्धि व ख्याति अर्जित की है, उसे और आगे ले जाने की जरूरत है.यह हर्ष का विषय है कि पूरे राज्य में रेशम की सबसे अधिक खेती दुमका जिले में होती है. अपनी इस पहचान को बरकरार रखने की जरूरत है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उद्योग विभाग हस्तकरघा रेशम एवं हस्तशिल्प निदेशालय द्वारा तसर उत्पादकों के प्रमंडल स्तरीय कार्यशाला सह सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विभाग बेहतर ढंग से कार्य योजना तैयार करें, ताकि रेशम से जुड़े लोगों की आय में वृद्धि हो सके तथा स्वरोजगार के बेहतर अवसर प्रदान किये जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा : सभी घरों में रोजगार अत्यंत आवश्यक है.
लोगों के पास रोजगार होगा तभी उनका सर्वांगीण विकास हो सकेगा. उन्होंने इसका मूल्यवर्द्धन करने पर भी जोर दिया. कहा कि सामान्य तरह की खेती व अन्य कार्य के साथ तसर कीटपालन लोग कर सकते हैं, लिहाजा इसे बेहतर तकनीक के साथ और प्रसारित कराने की आवश्यकता है, ताकि लोग अधिक से अधिक आय अर्जित कर सकें. सरकार द्वारा जो भी तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है उसका भरपूर लाभ उठाएं.उन्होंने रेशम क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि खादी हमारे देश की पहचान को दर्शाता है. इसकी मांग बहुत अधिक है. अपने उत्पाद को बेहतर बनायें, ताकि उसकी मांग पूरे विश्व में हो.सम्मानित हुए कृषक : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बेहतर कार्य करने वाले रेशम कृषकों को सम्मानित किया.
श्याम मंदिर पहुंचे सीएम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को उपराजधानी दुमका के प्रज्ञापुरी स्थित श्रीश्री 108 दादी श्याम मंदिर में पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की.
उन्होंने श्याम नरेश की पूजा-अर्चना के दौरान राज्यवासियों के जीवन में सुख, शांति, अमन-चैन, समृद्धि और खुशहाली की कामना की. उन्होंने कहा कि जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने का काम उनकी सरकार करेगी. राज्य को विकास के रास्ते पर आगे ले जाना सरकार की प्राथमिकता है. कहा कि राज्य की जनता ने जिस अपेक्षा के साथ उन्हें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है, उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने का निरंतर प्रयास वे करेंगे.