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झारखंड विधानसभा चुनाव पांचवां चरण : झामुमो को गढ़ बचाने की चुनौती, दुमका व बरहेट सबसे हॉट सीट, हेमंत व लुइस पर सबकी नजर

अधिकतर सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय होने से बढ़ा रोमांच विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 दिसंबर को संताल परगना की 16 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. संताल परगना के कुल 40,05,287 मतदाता 236 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. इस बार झामुमो को अपना गढ़ बचाने की चुनौती होगी. कई सीटाें पर टिकट […]

अधिकतर सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय होने से बढ़ा रोमांच

विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 दिसंबर को संताल परगना की 16 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. संताल परगना के कुल 40,05,287 मतदाता 236 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. इस बार झामुमो को अपना गढ़ बचाने की चुनौती होगी. कई सीटाें पर टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं के पाला बदलकर दूसरी पार्टी से दावेदारी पेश करने के कारण मुकाबला काफी रोचक हो गया है. कई सीटाें पर मुकाबला त्रिकोणीय होने से चौंकाने वाले परिणाम आ सकते हैं.

राजमहल : वोट बैंक में सेंधमारी का सता रहा डर, मुकाबला चतुष्कोणीय

पुरुष वोटर 156295

महिला वोटर 138165

कुल वोटर 294460

अनंत ओझा

भाजपा

मो ताजउद्दीन

आजसू

केताबुद्दीन शेख

झामुमो

प्रदीप सिंह

बसपा

राजमहल विधानसभा सीट पर 23 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. भाजपा ने विधायक अनंत ओझा को एक बार पुन: प्रत्याशी बनाया है. आजसू पार्टी से एमटी राजा, झामुमो से केताबुदीन शेख व बसपा से प्रदीप सिंह सहित 23 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. यहां भाजपा और आजसू के अलावा बसपा और झामुमो इस चुनावी मुकाबले को चतुष्कोणीय बना रहे हैं. हालांकि आजसू प्रत्याशी एमटी राजा पिछला चुनाव झामुमो के टिकट पर लड़े थे और कम अंतर से हार गये.

लेकिन इस चुनाव में वे आजसू के टिकट पर लड़ रहे हैं. इस बार झामुमो के केताबुद्दीन को महागठबंधन की ताकत पर भरोसा है. जबकि आजसू एनडीए से अलग होकर इस बार चुनाव लड़ रही है. इस तरह राजमहल में भाजपा के वोट बैंक में आजसू सेंधमारी कर सकती है. आजसू के मैदान में आने से भाजपा सकते में है और पार्टी अपनी सीट बरकरार रखने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है.

जीत का अंतर : 702 वोट

2019 के करोड़पति उम्मीदवार

1. अनंत ओझा (भाजपा)

2. मो ताजउद्दीन (आजसू)

3. केताबुद्दीन शेख (बसपा)

जामा : समीकरण बिगड़ने की संभावना, कड़ा मुकाबला

कुल प्रत्याशी 15

पुरुष वोटर 102941

महिला वोटर 102341

सीता सोरेन

झामुमो

सुरेश मुर्मू

भाजपा

अर्जुन मरांडी

झाविमो

स्टेफी तेरेसा मुर्मू

आजसू

जामा विधानसभा क्षेत्र को झारखंड मुक्ति मोरचा सर्वाधिक सुरक्षित सीट मानता रहा है. इस सीट पर भाजपा के सुरेश मुर्मू ने 2014 के चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी. झामुमो की सीता सोरेन पिछली बार 2306 वोट से ही चुनाव जीत पायी थी. इस बार के चुनाव में भी वह जबरदस्त टक्कर दे रहे हैं.

इस बार के चुनाव में झारखंड विकास मोरचा ने भी मजबूत प्रत्याशी के तौर पर अर्जुन मरांडी और आजसू पार्टी ने उम्मीदवार डॉ स्टेफी टेरेसा मुर्मू को उतारा है. बसपा के अर्जुन पुजहर भी समीकरण बनाने-बिगाड़ने की स्थिति में हैं. कुल 15 उम्मीदवार इस क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं. जामा से झामुमो की सीता सोरेन के समक्ष अपनी सीट बचाने की कड़ी चुनौती है.

2014 का विधानसभा चुनाव

विजेता

सीता सोरेन

(झामुमो)

53,250

वोट मिले

उपविजेता

सुरेश मुर्मू

(भाजपा)

50,944

वोट मिले

जीत का अंतर : 2306 वोट

2019 के करोड़पति उम्मीदवार

1. सीता सोरेन (झामुमो)

बोरियो : दो दलों में सीधी टक्कर, बागी बिगाड़ सकते हैं जीत का समीकरण

पुरुष वोटर 126129

महिला वोटर 120502

कुल प्रत्याशी 12

ताला मरांडी

आजसू

लोबिन हेंब्रम

झामुमो

सूर्यनारायण हांसदा

भाजपा

लखना पहाड़िया

बसपा

बोरियो विधानसभा सीट से 12 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. भाजपा ने सूर्यनारायण हांसदा को प्रत्याशी बनाया है. जबकि आजसू से ताला मरांडी व झामुमो से एक बार फिर लोबिन हेम्ब्रम चुनाव मैदान में है.

यहां भाजपा और झामुमो के बीच सीधी टक्कर है. लेकिन भाजपा से बागी होकर आये आजसू प्रत्याशी ताला मरांडी मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं. भाजपा इस बार फिर से इस सीट पर जीत हासिल करने को एड़ी-चोटी एक कर रही है. 2014 के चुनाव में भाजपा ने मात्र 712 वोट से झामुमो को हराया था.

2019 के चुनाव में भाजपा बोरियो सीट पर अपने ही सहयोगी दल से परेशानी में है. इसलिए बोरियो विधानसभा में मुकाबला काफी रोचक होनेवाला है. इस बार भाजपा जहां जीत के अंतर को बढ़ाते हुए दूसरी पार्टियों को दूर रखने की कोशिश करेगी, वहीं महागठबंधन भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए पूरा दम-खम लगा रही है.

2014 का विधानसभा चुनाव में

विजेता

ताला मरांडी (भाजपा) 57,565

वोट मिले

उपविजेता

लोबिन हेंब्रम

(झामुमो)

56,853

वोट मिले

जीत का अंतर : 712 वोट

2019 के करोड़पति उम्मीदवार

1. लोबिन हेंब्रम (झामुमो)

2. बाबूराम मुर्मू (झाविमो)

लिट्टीपाड़ा : विरासत बचाने की मिल रही चुनौती, वोट बिखराव का डर

पुरुष वोटर 97175

महिला वोटर 100215

कुल प्रत्याशी 11

कुल वोटर 197390

दिनेश मरांडी

झामुमो

दानियल किस्कू

भाजपा

रसका हेंब्रम

झािवमो

देवेंद्र देहरी

सीपीएम

लिट्टीपाड़ा विधानसभा से कुल 11 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपना दम ठीक रहे हैं. लिट्टीपाड़ा विधानसभा पर पिछले कई सालों से झारखंड मुक्ति मोर्चा का राज रहा है.

1980 के बाद से झामुमो ने इस सीट की हवा किसी को लगने नहीं दी है. इस बार झामुमो ने वर्तमान विधायक और कद्दावर नेता साइमन मरांडी के बेटे दिनेश विलियम मरांडी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. वहीं बीजेपी ने भी नया चेहरा दानियाल किस्कू को अपना उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी अपने परंपरागत वोट के साथ-साथ आदिवासी वोटर पर भी पकड़ बनाने की कोशिश में लगी है.

इसके लिए भाजपा लंबे समय से क्षेत्र में पैठ बनाने की कोशिश कर रही थी. वहीं अन्य पार्टियों सहित चार निर्दलीय ज्यादातर झामुमो का ही वोट काटने का प्रयास करेंगे. झामुमो के परंपरागत वोट बैंक में बीजेपी, निर्दलीय व अन्य पार्टियां कितनी सेंधमारी कर सकती हैं, ये तो 23 दिसंबर को ही पता चलेगा.

2017 का उपचुनाव

विजेता

साइमन मरांडी (झामुमो)

65,551 वोट मिले

उपविजेता

हेमलाल मुर्मू (भाजपा) 52,651

वोट मिले

जीत का अंतर : 12,900 वोट

2019 के करोड़पति उम्मीदवार

1. दिनेश मरांडी (झामुमो)

पाकुड़ : वोट बंटने के आसार सीट के िलए त्रिकोणीय मुकाबला

कुल वोटर 316886

कुल प्रत्याशी 11

पुरुष वोटर 161785

महिला वोटर 155101

आलमगीर आलम

कांग्रेस

बेनी प्रसाद गुप्ता

भाजपा

अकील अख्तर

आजसू

कमरुद्दीन अंसारी

झाविमो

पाकुड़ विधानसभा से कुल 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. चार बार विधायक रहे कांग्रेस प्रत्याशी आलमगीर आलम सबसे कद्दावर नेता हैं. हालांकि उन्हें मात देने के लिए पाकुड़ विधानसभा सीट से एक बार विधायक रहे आजसू प्रत्याशी अकील अख्तर पूरा दम लगाये हुये हैं.

वहीं कांग्रेस और आजसू का खेल बिगड़ने के लिए पाकुड़ सीट से दो बार विधायक रहे भाजपा के बेणी प्रसाद गुप्ता भी ताल ठोंके हुए हैं. पाकुड़ सीट से सिर्फ एक प्रत्याशी अल्फ्रेड एडवर्ड सोरेन ही निर्दलीय लड़ रहे हैं. बाकी सभी पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं. टीएमसी, लोजपा, सीपीएम, जेवीएम, शिवसेना, जनता पार्टी, फॉरवर्ड ब्लॉक ने भी अपना प्रत्याशी उतारा है.

2014 का विधानसभा चुनाव

विजेता

आलमगीर आलम (कांग्रेस) 83,338

वोट मिले

उपविजेता

अकील अख्तर

(झामुमो) 65,272

वोट मिले

जीत का अंतर : 18066 वोट

2019 के करोड़पति उम्मीदवार

1. अकील अख्तर (आजसू)

2. आलमगीर आलम (कांग्रेस)

महेशपुर : स्टीफन के समक्ष इतिहास बदलने की चुनौती, बागी भी मजबूत

पुरुष वोटर 106490

महिला वोटर 106882

कुल प्रत्याशी 12

कुल वोटर

213372

स्टीफन मरांडी

झामुमो

मिस्त्री सोरेन

भाजपा

सुफल मरांडी

आजसू

शिवधन हेंब्रम

झाविमो

महेशपुर विधानसभा से कुल 12 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. महेशपुर विधानसभा सीट की खासियत रही है कि यहां से कोई एक चेहरा दोबारा विधायक नहीं बन पाया है. इस मामले के देवीधन बेसरा एकमात्र अपवाद हैं. लेकिन जनता ने उनके बाद किसी को दोहराया नहीं है. ऐसे में देखना होगा कि वर्तमान विधायक स्टीफन मरांडी पर झामुमो ने एक बार फिर दांव आजमाया है. झामुमो उम्मीदवार स्टीफन मरांडी काफी कद्दावर नेता हैं. यह देखना होगा कि वो जनता का विश्वास जीत पाते हैं या नहीं.

वहीं भाजपा ने जेवीएम से शामिल हुए मिस्त्री सोरेन को अपना उम्मीदवार बनाया है. झामुमो से विधायक रहे सुफल मरांडी को आजसू ने अपना प्रत्याशी बनाया है. जेवीएम से शिवधन हेंब्रम चुनावी मैदान में हैं. वहीं अन्य पार्टियों के अलावा चार निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं. देखना यह होगा कि महेशपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता अपना इतिहास दोहराती है या झामुमो प्रत्याशी स्टीफन मरांडी इतिहास बदलेंगे.

2014 का विधानसभा चुनाव

विजेता

स्टीफन मरांडी

(झामुमो)

51,866 वोट मिले

उपविजेता

देवीधन टूडु

(भाजपा) 45,710 वोट मिले

जीत का अंतर : 6156 वोट

2019 : करोड़पति उम्मीदवार

1. स्टीफन मरांडी (झामुमो)

दुमका : सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच है सीधी टक्कर, जिसका कटा वोट, उसका पत्ता साफ

पुरुष वोटर 124197

महिला वोटर 121096

कुल वोटर 245293

कुल प्रत्याशी 13

डाॅ लोइस मरांडी

भाजपा

हेमंत सोरेन

झामुमो

अंजुला मुर्मू

झािवमो

मोहरील मुर्मू

लोजपा

दुमका सीट सबसे हॉट बनी हुई है. जहां झामुमो के प्रत्याशी और हेमंत सोरेन को खोई हुई प्रतिष्ठा वापस हासिल करने की चुनौती है, तो भाजपा की डॉ लुइस मरांडी को अपनी सीट को बचाये रखने की.

इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में हेमंत के पिता पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन को हार का मुंह देखना पड़ा था, तो खुद हेमंत 2014 के विधानसभा चुनाव डॉ लुइस से मुख्यमंत्री रहते हार गये थे. दोनों पार्टियों के समीकरण को बिगाड़ने के लिए झाविमो, लोजपा, जदयू और बसपा के उम्मीदवार भी चुनावी दंगल में हैं. झाविमो व जदयू, भाजपा या झामुमो के वोट में सेंधमारी करते हैं, तो परिणाम बदल भी सकता है.

2014 का विधानसभा चुनाव

विजेता

डॉ लोइस मरांडी

(भाजपा) 69,760 वोट मिले

उपविजेता

हेमंत सोरेन

(झामुमो) 64,846 वोट मिले

जीत का अंतर : 4,914 वोट

2019 के करोड़पति उम्मीदवार

1. डॉ लोइस मरांडी (भाजपा)

2. हेमंत सोरेन (झामुमो)

बरहेट : हेमंत के खिलाफ भाजपा की मजबूत किलाबंदी, परंपरागत मतदाता तय करेंगे हार-जीत

हेमंत सोरेन

झामुमो

पुरुष वोटर 97531

महिला वोटर 95183

कुल वोटर 192714

कुल प्रत्याशी 12

हेमंत सोरेन

झामुमो

सिमोन मालतो

भाजपा

होपना टुडू

झाविमो

गमालियल हेंब्रम

आजसू

बरहेट विधानसभा क्षेत्र से इस बार 12 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. झामुमो के विधायक हेमंत सोरेन एक बार पुन: मैदान में हैं. लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने के लिए एड़ी-चोटी एक कर रहे हैं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री को भाजपा प्रत्याशी सिमोन मालतो इस बार टक्कर दे रहे हैं.

जबकि मैदान में आजसू प्रत्याशी गमालियल हेम्ब्रम की मौजूदगी मुकाबला को त्रिकोणीय बना रही है. पिछले चुनाव मे हेमंत सोरेन ने हेमलाल मुर्मू को 24087 से पराजित किया था. लेकिन इस बार भाजपा इस सीट पर काफी आक्रामक है. दुमका की तरह बरहेट में भी इस बार भाजपा ने हेमंत के खिलाफ मजबूत किलाबंदी की है.

2014 का विधानसभा चुनाव

विजेता

हेमंत सोरेन

(झामुमो)

62,515

वोट मिले

उपविजेता

हेमलाल मुर्मू

(भाजपा)

38,428

वोट मिले

जीत का अंतर : 24,087 वोट

2019 के करोड़पति उम्मीदवार

1. हेमंत सोरेन (झामुमो)

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