झामुमो के स्थापना दिवस. छाया रहा सीएनटी-एसपीटी एक्ट में छेड़-छाड़ का मुद्दा, झामुमो ने पारित किया 52 सूत्री प्रस्ताव
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झामुमो के स्थापना दिवस. छाया रहा सीएनटी-एसपीटी एक्ट में छेड़-छाड़ का मुद्दा, झामुमो ने पारित किया 52 सूत्री प्रस्ताव दुमका : झामुमो के 39 वें स्थापना दिवस पर संताल परगना की जन समस्याओं व जन सरोकार से जुड़े 52 सूत्री प्रस्ताव पारित किये गये. स्मार-पत्र के रूप में प्रमंडलीय आयुक्त के माध्यम से सरकार तक […]
दुमका : झामुमो के 39 वें स्थापना दिवस पर संताल परगना की जन समस्याओं व जन सरोकार से जुड़े 52 सूत्री प्रस्ताव पारित किये गये. स्मार-पत्र के रूप में प्रमंडलीय आयुक्त के माध्यम से सरकार तक भेजे जाने की बात कही गयी. मांगों को प्राथमिकता के साथ सरकार की कार्य सूची में शामिल करने की मांग की गयी.
प्रमुख मांगों में एसपीटी व सीएनटी एक्ट को सख्ती से लागू करने तथा घोषित की गयी स्थानीयता नीति को रद्द कर 1932 के खतियान के आधार पर नयी स्थानीयता को परिभाषित करने की मांग की. वहीं दुमका जिले में ओबीसी के आरक्षण को पूर्व के अनुरूप लागू करने, राज्य के सभी विद्यालयों में संताली व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई उपलब्ध कराने, राज्य में पूर्ण नशाबंदी लागू करने, रैयतों को खनिज में मालिकान हक देने की मांग प्रमुखता से उठायी गयी.
प्रमुख प्रस्ताव
संताल परगना कास्तकारी अधिनियम व छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम को सख्ती से लागू किया जाय.
गलत ढंग से परिभाषित स्थानीयता नीति को वापस लिया जाय व 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता नीति घोषित किया जाय.
दुमका जिला में ओबीसी के आरक्षण को पूर्ण रूप से लागू किया जाय.
अल्पसंख्यक वित्त निगम का शीघ्र गठन किया जाय.
झारखंड में मदरसा बोर्ड का गठन किया जाय तथा आलिम व फाजिल की डिग्री सरकारी नियुक्तियों में बराबर की मान्यता दी जाय.
राज्य में अल्पसंख्यकों की माली हालत को देखते हुए शिक्षा की समुचित व्यवस्था की जाय.
सोहराय, वंदना एवं टुडू को राजकीय पर्व का दर्जा मिले.
ग्राम शिक्षा समिति व ग्राम स्वास्थ्य समिति को सशक्त एवं पारदर्शी बनाया जाय.
सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि को बढ़ा कर तीन हजार रुपये प्रतिमाह किया जाये.
पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से गांव का विकास सुनिश्चित हो.
झारखंड विद्यालयों में संताली तथा अन्य सभी क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई शुरू की जाय.
तृतीय व चतुर्थ वर्ग कर्मचारी के पद को पूर्णरूपेण स्थायी निवासी-जमाबंदी रैयतों के लिये आरक्षित किया जाय.
संताल परगना प्रमंडलीय मुख्यालय दुमका में बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक 2000 की धारा 25 के अनुरूप उच्च न्यायालय खंडपीठ की स्थापना की जाय.
किसानों को आधुनिक तरीके से कृषि करने हेतु अच्छे किस्म के बीज, कृषि उपकरण तथा सिंचाई की समुचित व्यवस्था की जाय तथा कृषि को उद्योग का दर्जा दिया जाय.
झारखंड क्षेत्र में स्पष्ट पुनर्वास व विस्थापन नीति बनायी जाय तथा विस्थापितों को सरकारी तथा गैर सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता तथा पुनर्वास की व्यवस्था की जाय.
झारखंड क्षेत्र में पूर्णरुपेण नशाबंदी लागू किया जाय.
झारखंड क्षेत्र में वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त की जाय.
राज्य में जंगलों की सुरक्षा व संवर्द्धन करते हुए ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित की जाय व ग्राम वन प्रबंधन समिति को सशक्त किया जाय.
राज्य में मजदूर पलायन की समस्या को देखते हुए रोजगार मुहैया कराने की समुचित व्यवस्था की जाय तथा लंबित केंद्रीय योजनाओं को सख्ती से लागू किया जाय.
राज्य में कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जाय तथा छोटे-छोटे उद्योग के लिये बरोजगारों को कम सूद पर ॠण उपलब्ध कराया जाय.
संप मुख्यालय दुमका में स्पोर्टस कॉम्पलेक्स का निर्माण अविलंब कराया जाय.
मसानजोर डैम के राइट वैंक कैनाल का निर्माण तथा मसानजोर से बंगाल सीमा तक मयुराक्षी नदी पर तटबंध का निर्माण अविलंब करायी जाय.
कृषकों को खेती के लिए खेतों में 365 दिन पानी उपलब्ध कराया जाय.
दुमका से देवघर के बीच लोकल ट्रेन का फेरा बढ़ाया जाय तथा रांची इंटरसिटी में टू टीयर कोच की व्यवस्था हो. दुमका से पटना व कोलकाता तक रेल सेवा प्रारंभ की जाय.
देवघर से पीरपैंती भाया गोड्डा को रेल लाइन से जोड़ा जाय.
राज्य में महिलाओं के अधिकार, मान-सम्मान व सुरक्षा सुनिश्चित की जाय.
कोल इंडिया, डीवीसी समेत सभी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का मुख्यालय झारखंड लाया जाय.
रैयतों को खनिज में मालिकाना हिस्सेदारी दी जाय.
सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाय.
झारखंड राज्य में बंगला, उड़िया, उर्दू के साथ-साथ संताली, मुंडारी, हो, कुटुंब, खोरठा, अंगिका, कुरमानी एवं अन्य स्थानीय भाषाओं को भी द्वितीय राजभाषा का सम्मान दिया जाय.
झारखंड राज्य के आंदोलनकारियों के लंबित आवेदनों को अविलंब निष्पादित किया जाय.
झारखंड में स्पेसियलिटी अस्पताल के साथ-साथ सभी जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पतालों में आइसीयू की व्यवस्था की जाय.
झारखंड क्षेत्र के चासा जाति में एकरूपता कायम करते हुए पिछड़ी जाति का दर्जा दिया जाय.
पुनासी जलाशय योजना से विस्थापित रैयतों को उचित मुआवजा देते हुए उनके पुनर्वास की व्यवस्था हो और जलाशय को चालू किया जाय.
साहिबगंज जिला में गंगा में कटाव को देखते हुए तटबंध बने.
साहेबगंज में खासमहाल की व्यवस्था को समाप्त किया जाय.
शिकारीपाड़ा में ऐतिहासिक मंदिरों के गांव मलूटी के साथ-साथ मसानजोर, तातलोई, भालसुमर, शुमेश्वरनाथ, नुनबिल, सिरसानाथ, दानीनाथ एवं चुटोनाथ को पर्यटक स्थल के रुप में विकसित किया जाय.
दुमका में उड़ान प्रशिक्षण केंद्र अविलंब प्रभावी ढंग से चालू किया जाय.
राज्य में खेल नीति लागू की जाय एवं खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हो.
ग्रामसभा को सशक्त एवं पारदर्शी बनाया जाय तथा ग्राम प्रधान व गुड़ैत के अधिकारों में छेड़छाड़ बंद हो.
बढ़ाये गये बिजली के दर को वापस लिया जाय, होल्डिंग में भी की गयी वृद्धि को सरकार वापस ले.
राज्य में जल नीति बनायी जाय.
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