वसंत पंचमी. मंगल गीत गा रही थी महिलाएं, चांदी का मुकुट, आसन आदि भी चढ़ाया
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मिथिलावासियों ने फौजदारीनाथ को चढ़ाया तिलक
वसंत पंचमी. मंगल गीत गा रही थी महिलाएं, चांदी का मुकुट, आसन आदि भी चढ़ाया बासुकिनाथ : वसंत पंचमी पर उत्साह व उमंग के बीच सोमवार को बाबा फौजदारीनाथ का तिलकोत्सव हुआ. बाबा के तिलकोत्सव में मिथिलांचल से पहुंचे लोग ससुराल पक्ष की ओर से थे. मिथिला के लोग माता पार्वती को बहन व भोलेनाथ […]
बासुकिनाथ : वसंत पंचमी पर उत्साह व उमंग के बीच सोमवार को बाबा फौजदारीनाथ का तिलकोत्सव हुआ. बाबा के तिलकोत्सव में मिथिलांचल से पहुंचे लोग ससुराल पक्ष की ओर से थे. मिथिला के लोग माता पार्वती को बहन व भोलेनाथ को बहनोई मानते हैं. तिलकोत्सव के गवाह बने हजारों लोगों ने जमकर अबीर उड़ाया, मिठाइयां बांटी, महिलाओं ने मंगल गीत गाये. पूरा मंदिर परिसर हर हो भोला के नारों से गूंज उठा. गाजे-बाजे के साथ देर रात तक चले इस धार्मिक अनुष्ठान के दौरान मंदिर प्रांगण में मिथिलांचल से पहुंचे श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही. बाबा फौजदारीनाथ को तिलक के दौरान चांदी का मुकुट, आसन, अंगूठी, बाजु, मठिया,
धोती, इत्र, फल-फूल, दही, मिष्ठान आदि चढ़ाये गये. वहीं तिलकोत्सव से लेकर महाशिवरात्रि के तक माता पार्वती को सिंदूर नहीं चढ़ाया जायेगा. शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के प्रतीकात्मक त्रिशूल द्वारा माता पार्वती के मांग में सिंदूर भरा जायेगा.मंदिर प्रांगण में तिलकहरुओं ने शिवनाचारी भजन गाया. मंदिर प्रांगण में एक-दूसरे के गाल में गुलाल लगा कर होली खेली. मिथिलांचलवासियों में यह परंपरा 1534 यानि लगभग पांच सौ साल से रही है. दरभंगा से आये गोपीरमण झा, शिवशंकर झा, मदनेश्वर झा, मदन झा वगैरह ने बताया कि पिछले 37 बर्षों से लगातार सपरिवार बाबा फौजदारीनाथ का जलार्पण करते हैं. तिलक चढ़ाते है. बाबा फौजदारीनाथ का तिलकोत्सव के कारण सोमवार को श्रृंगार पूजा की.
मिथिला के रंग में रंगी बासुकिनाथ नगरी
फौजदारीनाथ की नगरी मिथिलावासियों से पटी हुई है. इस दौरान मिथिला की संस्कृति लोट-पोट करती देखी गयी. मिथिलांचल वासी बड़े आकार वाले भारी भरकम पारंपरिक कांवरों में जल भरकर बासुकिनाथ पहुंचे. सभी तिलकहरु विभिन्न धर्मशालाओं, मैदान व मंदिर के इलाके पटे थे. आसपास के श्रद्धालुओं की भीड़ भी बड़ी संख्या में जुटी.
महाशिवरात्रि को होगा पारंपरिक तौर पर विवाह
भगवान शिव व माता पार्वती की शादी महाशिवरात्रि के दिन होगी. अगामी 13 फरवरी मंगलवार को महाशिवरात्रि के दिन हिम राजा की पुत्री माता पार्वती के साथ विवाह रचाने के लिए हिमालय के तराई क्षेत्र मिथिलांचल आमंत्रित किया गया.
गठबंधन चढ़ाया
बसंत पंचमी पर शिव-भक्तों ने भगवान शिव व पार्वती पर गठबंधन चढ़ाया. माता पार्वती के पौराणिक मिथिलांचल के ये भक्त अहले सुबह ही भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. वहीं भक्तों ने मंदिर प्रांगण में उपनयन व मुंडन संस्कार भी कराये. भीड़ को नियंत्रित करने जवान मुस्तैद थे.
70 हजार श्रद्धालुओं ने किया जलार्पण
वसंत पंचमी पर फौजदारीनाथ दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी. तकरीबन 70 हजार श्रद्धालुओं ने वुधवार को भोलेनाथ की पूजा- अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की. पुलिस व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया. बांस का बैरियर लगा कर बारी-बारी से गर्भगृह में महिला पुरुष श्रद्धालुओं को प्रवेश करा कर पूजा-अर्चना करायी गयी.
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