मांग. आइएमए-झासा की प्रमंडलीय बैठक में जुटे पूरे संतालपरगना से डाॅक्टर्स, कहा
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प्रभावी ढंग से लागू हो मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट
मांग. आइएमए-झासा की प्रमंडलीय बैठक में जुटे पूरे संतालपरगना से डाॅक्टर्स, कहा दुमका : इंडियय मेडिकल एसोसिएशन और झासा के संतालपरगना प्रमंडलीय इकाई की संयुक्त बैठक उपराजधानी दुमका के आदित्या रेसिडेंसी में झासा के मुख्य संरक्षक सह निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवायें डॉ सुमंत मिश्रा की अध्यक्षता में रविवार को संपन्न हुई. जिसमें अस्पताल एवं नर्सिंग […]
दुमका : इंडियय मेडिकल एसोसिएशन और झासा के संतालपरगना प्रमंडलीय इकाई की संयुक्त बैठक उपराजधानी दुमका के आदित्या रेसिडेंसी में झासा के मुख्य संरक्षक सह निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवायें डॉ सुमंत मिश्रा की अध्यक्षता में रविवार को संपन्न हुई. जिसमें अस्पताल एवं नर्सिंग होम में कार्य करने वाले चिकित्सकों, पारा मेडिकल स्टॉफ व नर्सिंग स्टॉफ के साथ मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना, सरकारी व गैर सरकारी संपत्तियों के नुकसान को रोकने तथा वंचित व पीड़ित मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू करने के मुद्दे पर चर्चा की गयी.
इसके लिए सर्वसम्मति से सरकार व तमाम जन प्रतिनिधियों से समुचित आग्रह करने का प्रस्ताव पारित किया गया. राज्य सेवा में कार्यरत व गैर शैक्षणिक वर्ग के विशेषज्ञों को विशेषज्ञ कोटि में समाहित करने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप झारखंड के अलावा अन्य राज्यों से उत्तीर्ण एमबीबीएस को भी पीजी सीट में रिजर्वेशन सर्विस कोटा के तहत लाभ प्रदान कराने की मांग की गयी. कहा गया कि आरक्षण का यह लाभ वैसे चिकित्सकों को ही मिल पा रहा है, जो झारखंड से एमबीबीएस पास हैं और यहां सेवारत हैं. एमसीआइ व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर दूसरों को इससे वंचित रखा जा रहा है. चिकित्सकों ने लंबित डीएसीपी देने, दो वर्ष की सेवा के बाद सभी चिकित्सकों की सेवा संपुष्टि अनिवार्य रूप से करा देने, अनुबंध से नियमित हुए चिकित्सकों को सचिवालय में 18 दिनों का पदस्थापन की प्रतिक्षा अवधि का विनियमन दिलाने, दंत चिकित्सकों को डीएसीपी का लाभ अतिशीघ्र दिलाने तथा निदेशक प्रमुख को विशेष सचिव के रूप में मान्यता देने के प्रस्ताव पारित कर सरकार को इन मांगों से अवगत कराने के निर्णय लिये गये. बैठक में आइएमए के राज्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार सिंह, आइएमए के उपाध्यक्ष डॉ अरुण कुमार सिंह, क्षेत्रीय उप निदेशक सह दुमका के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार साहा, झासा के सचिव डॉ विमलेश सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ ललित रंजन पाठक, आइएमए दुमका के अध्यक्ष डॉ डीएन पांडेय आदि मुख्य रुप से मौजूद थे.
चिकित्सकों ने लंबित डीएसीपी देने की मांग की
वहीं दो वर्ष की सेवा के बाद सभी चिकित्सकों की सेवा संपुष्टि अनिवार्य करने को कहा
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