बिजली आपूर्ति बाधित होने से नाराज लोगों ने मंगलवार को सोनरिया पावर हाउस में जमकर हंगामा किया. ग्रामीणों ने सब स्टेशन में सुबह में तालाबंदी कर दी. वहीं, शाम में पुन: पहुंचकर बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर तोड़फोड़ की और बिजलीकर्मियों को पीट दिया. शाम में तीन दर्जन गांवों में हो रही विद्युत आपूर्ति को बाधित करवा दिया. इसकी जानकारी जब उन गांवों के लोगों को मिली, तो वे भी पावर हाउस पहुंच गये. इसके बाद सोनरिया व बाकी गांव के लोग आमने-सामने आ गये. स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी. बताया जाता है कि सोनरिया पावर हाउस से चार पंचायतों के 50 गांवों में बिजली आपूर्ति की जाती है. मंगलवार सुबह में बिजली बाधित होने से नाराज ग्रामीण पावर हाउस पहुंचे और लाइन इंचार्ज दीपक कुमार से बिजली नहीं रहने का कारण पूछा. इंचार्ज ने बताया कि एचटी लाइन में खराबी आ गयी है. अशोक ठाकुर व अक्षय ठाकुर के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण पावर हाउस पहुंचे और मुख्य गेट में तालाबंदी कर दी. ग्रामीणों का आरोप था कि विभाग की लापरवाही से उन्हें बिजली नहीं मिल रही है. सोनरिया गांव में बिजली नहीं रहेगी, तो और किसी गांव में बिजली आपूर्ति नहीं होने देंगे. लोगों ने इंचार्ज दीपक कुमार को डरा-धमकाकर अन्य गांवों की बिजली आपूर्ति बंद करवा दी. ग्रामीण मांग करने लगे कि पावर हाउस से सोनरिया गांव के लिए अलग फीडर का निर्माण कर बिजली आपूर्ति बहाल की जाये. शाम में ताला खोलकर ग्रामीण पावर हाउस के अंदर चले गये और खिड़की के शीशों को तोड़ दिया. हंगामा के दौरान फाॅल्ट बनाने पावर हाउस पहुंचे बिजली मिस्त्री इमामुद्दीन अंसारी उर्फ छोटू व गोरगा निवासी सुदन साव को ग्रामीणों ने पीट दिया. बिजली मिस्त्री और इंचार्ज झाड़ियों में छुप गये.
पुलिस से ग्रामीणों की नोक-झोंक :
इस दौरान पुलिस की ग्रामीणों से नोक-झोंक हो गयी. ग्रामीणों ने लगातार 22 घंटे से बिजली नहीं रहने पर बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नाराजगी जाहिर की और नारेबाजी करने लगे. ग्रामीणों का कहना था कि रात 12 बजे लाइन कटी है. पूरा दिन बीतने के बाद भी विभाग ने इसका संज्ञान नहीं लिया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिजली मिस्त्री फाॅल्ट बनाना छोड़कर शराब सेवन में लगे रहते हैं. इस कारण समय पर खराबी दूर नहीं हो पाती है. विभाग के अधिकारी ग्रामीणों का फोन नहीं उठाते हैं. बिजली व्यवस्था चौपट हो गयी है. देर रात तक ग्रामीण पावर हाउस के बाहर बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर जमे हुए थे. वहीं पुलिस पावर हाउस की सुरक्षा में तैनात थी.ग्रामीणों के डर से भागे बिजलीकर्मी, जेइ को बुलाने की मांग की :
बिजली आपूर्ति रोके जाने से नाराज तिलैया, गोरगा, मोरपहाड़, बिराजपुर, छाताटांड़, दामुमुड़ा, चुटियारो, रांगाटांड़, अंकुरा, हरिहरपुर, मरिचो, घसकोडीह, राधानगर, सिमलटांड़ समेत तीन दर्जन गांवों के लोग सब स्टेशन पहुंचे गये. इनलोगों ने जब सुना कि सोनरिया गांव के ग्रामीणों ने बिजली आपूर्ति बंद करवा दी है, तो वे भड़क गये. इस दौरान सोनरिया के ग्रामीणों से अन्य गांवों के लोगों की भिड़ंत हो गयी. हो-हंगामा भी होने लगा. लोग बिजली आपूर्ति बाधित करनेवाले नेतृत्वकर्ता को खोजने लगे. मौका पाकर दोनों तरफ के नेतृत्वकर्ता भाग खड़े हुए. इधर, सूचना पर बरवाअड्डा पुलिस यहां पहुंची और पावर हाउस में घुसे लोगों को डांट-फटकार कर हटाया. बिजली मिस्त्री पुलिस की सुरक्षा में आपूर्ति बहाल करने में जुट गये. देर रात तक गोरगा, सोनरिया गांव में बिजली आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी थी. बिजली मिस्त्री फाॅल्ट नहीं ढूंढ़ सके थे. घंटों इंतजार के बाद भी बिजली बहाल नहीं होने से नाराज ग्रामीणों की पुलिस से नोकझोंक हो गयी. लोग एसडीओ व कनीय अभियंता को बुलाने की मांग करने लगे.कोट
ग्रामीणों द्वारा हो-हंगामा करने की सूचना मिली है. बिजली आपूर्ति बहाल करने का प्रयास चल रहा है. सोनरिया गांव के ग्रामीणों की मांगों पर विचार करने के लिए बुधवार को उनको ऑफिस बुलाया गया है.रजनीश कुमार,
एसडीओ, बिजली विभागडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

