आइआइटी आइएसएम के कालिंगा समाज की ओर से मंगलवार को उड़ीसा के 90वें स्थापना दिवस को उत्कल दिवस के रूप में मनाया गया. यहां कार्यक्रम पूरे सांस्कृतिक उल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर पेनमैन ऑडिटोरियम में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये. इसमें संगीत, नृत्य, कला और पारंपरिक व्यंजनों के माध्यम से उड़ीसा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लेखक, पत्रकार और अकादमिक गौरहरि दास उपस्थित थे. कार्यक्रम में आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा, डॉ पीके पाणिग्रही, डॉ बीके पुरोहित, डॉ सुजाता होटा, प्रो जेके पटनायक और दीप्ति लेडीज क्लब की अध्यक्ष शकुंतला मिश्रा भी शामिल हुईं.
उत्कल दिवस के महत्व पर डाला प्रकाश :
कार्यक्रम की शुरुआत बीटेक छात्रों तुषार और चिन्मय द्वारा उत्कल दिवस के महत्व पर परिचय से हुई. इसके बाद अतिथियों ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. मुख्य अतिथि गौरहरि दास ने उत्कल दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने उड़ीया संस्कृति, रीति-रिवाजों और परंपराओं के वैश्विक प्रचार की आवश्यकता पर जोर दिया. इसके बाद छात्रों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का रंगारंग सिलसिला शुरू हुआ. इसमें ओडिसी नृत्य, प्रशांत द्वारा मधुर गीत, गोटिपुआ नृत्य और समापुरी नृत्य और त्रृप्ति द्वारा कविता वाचन, मनीषा, सुष्मिता और सौमेंद्र ने कथक नृत्य प्रस्तुत किया. सांस्कृतिक संध्या का मुख्य आकर्षण, मुगल तमाशा नामक पारंपरिक लोक नाटक रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है