Dhanbad News: आइआइटी आइएसएम में दो दिवसीय डीआइजीएमआइएन-25 का समापनDhanbad News: आइआइटी आइएसएम में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन डिजिटल इंटेलिजेंस फॉर ग्रीन माइनिंग एंड इंडस्ट्रियल नेटवर्क (डीआइजीएमआइएन 2025) का समापन शनिवार को गोल्डन जुबली लेक्चर थिएटर में हुआ. देश का पहला माइनिंग 5.0 पर केंद्रित यह सम्मेलन डिजिटल तकनीक और ग्रीन माइनिंग के क्षेत्र में नयी दिशा देने वाला साबित हुआ. समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि सिंफर के निदेशक प्रो एके मिश्रा शामिल हुए. उनके साथ आइआइटी आइएसएम के उपनिदेशक प्रो धीरज कुमार, डिस्टिंग्विश्ड एलुमनस जेपी गोयनका, वरिष्ठ प्रोफेसर प्रो आरएम भट्टाचार्य, हेड ऑफ माइनिंग इंजीनियरिंग प्रो बीएस चौधरी, सम्मेलन संयोजक प्रो अनिंद्य सिन्हा, सह-संयोजक प्रो सिद्धार्थ अग्रवाल और कोषाध्यक्ष प्रो अजीत यादव मौजूद थे.
माइनिंग 5.0 सिर्फ विचार नहीं, बल्कि समय की जरूरत
प्रो एके मिश्रा ने कहा कि माइनिंग का भविष्य डिजिटल तकनीक और सस्टेनेबल प्रैक्टिसेज से जुड़ा है. डीआइजीएमआइएन 2025 ने स्पष्ट किया है कि माइनिंग 5.0 अब सिर्फ विचार नहीं, बल्कि समय की जरूरत है. इसे अपनाकर ही सुरक्षित और जिम्मेदार माइनिंग संभव होगी. वहीं प्रो धीरज कुमार ने कहा कि संस्थान ने शताब्दी वर्ष में माइनिंग शिक्षा और रिसर्च में वैश्विक स्तर पर अपनी अग्रणी भूमिका साबित की है. प्रो बीएस चौधरी ने कहा कि यह सम्मेलन शिक्षा, उद्योग, तकनीक और नीति-निर्माताओं के बीच संवाद का महत्वपूर्ण मंच बना.
देश-विदेश के विशेषज्ञों ने प्रस्तुत किये 150 से अधिक शोध पत्र
इस दो दिवसीय सम्मेलन में देश-विदेश से आये विशेषज्ञों ने 150 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किये. डिजिटल माइनिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, एज एआई, रियल-टाइम एनालिटिक्स, एनर्जी एफिशिएंसी, प्रोसेस ऑप्टिमाइजेशन और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे विषयों पर चर्चा हुई. समापन सत्र में अतिथियों ने प्रतिभागियों और सहयोगियों का आभार जताया. सम्मेलन का समापन इस विश्वास के साथ हुआ कि माइनिंग क्षेत्र स्मार्ट, सुरक्षित और टिकाऊ बनते हुए नयी तकनीकी आयामों की ओर बढ़ेगा. आइआइटी आइएसएम धनबाद इस परिवर्तन में अग्रणी भूमिका निभाता रहेगा.
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