Dhanbad News : कतरास मोड़ दुखहरणी मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन बुधवार को माया मधुसूदन धाम (हरिद्वार) के पीठाधीश्वर कथा वाचक स्वामी बैकुंठ नाथ जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि नरकासुर नामक राक्षस ने 16100 कन्याओं को बंदी बनाया था. भगवान श्रीकृष्णा ने उसका वध कर उन्हें मुक्त कराया, लेकिन समाज द्वारा अपनाये जाने से मना कर दिये जाने पर श्री कृष्णा ने उन सभी 16100 कन्याओं से विवाह किया. बैकुंठ नाथ जी महाराज ने कहा कि गरीबी में जी रहे सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर तीन मुट्ठी चावल लेकर कृष्णा से मिलने जाते हैं. द्वारपालों से मिलने की अनुमति मांगने पर सुदामा की दशा देखकर उनका उपहास उड़ाते है. सुदामा के आरजू मिन्नत पर वे कृष्ण को सूचित करते हैं. इसके बाद कृष्णा स्वयं दौड़कर नंगे पांव पहुंच कर सुदामा का स्वागत करते हैं. द्वारकापुरी में हुई इस अद्भुत घटना का उदहारण आज भी लोग सच्ची दोस्ती और प्रेम के लिए देते हैं. मंडप पूजन और हवन आचार्य संजीव दुबे ने कराया. देर शाम भागवत कथा में पहुंचे धनबाद के पूर्व महापौर शेखर अग्रवाल को मंदिर कमेटी के लोगों ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया. मौके पर कमेटी के अध्यक्ष राज नारायण तिवारी, सचिन वासुदेव सोनी, अजय श्रीवास्तव, पिंकू चौबे, मंटू यादव, जितेंद्र यादव, मनीष झा, सुजीत सिंह, पवन सिंह, बबलू दुबे, सौरव ओझा, संजू सिंह, विकास प्रसाद, दशरथ रवानी, बिजेंद्र यादव, रवि रवानी, राजेश पासवान, जितेंद्र सिंह आदि मौजूद थे.
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