धनबाद मंडल कारा में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब सजायाफ्ता कैदी जितेंद्र रवानी ने फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया. कैदी जितेंद्र ने अपने हाथ पर अपनी प्रेमिका और उसके पिता का नाम लिखा और फंदे से झूल गया. यह देख अन्य कैदियों ने उसे बचाने का प्रयास किया. गंभीर हालत में जेल प्रशासन ने उसे तुरंत एसएनएमएमसीएच भेजा, जहां पुलिस की सुरक्षा के बीच सर्जिकल आइसीयू में इलाज चल रहा है. उसकी हालत गंभीर बतायी जा रही है. घटना की जानकारी मिलने पर घायल कैदी के माता-पिता के अलावा अन्य परिजन सोमवार को अस्पताल पहुंचे.
दुष्कर्म के मामला में हुई है 22 साल की सजा :
बताया जाता है कि केंदुआडीह थाना क्षेत्र के गोधर में रहने वाले जटन रवानी के पुत्र जितेंद्र रवानी के खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए भाटडीह ओपी में केस दर्ज किया गया था. इस मामले में दोषी पाये जाने पर 2024 के नवंबर में कोर्ट ने उसे 22 साल का सजा सुनायी थी. तभी से वह धनबाद मंडल कारा में बंद था. रविवार की देर रात जितेंद्र अपने वार्ड में फांसी लगाकर आत्महत्या कर रहा था, लेकिन तब तक अन्य कैदियों की नजर पड़ गयी और उसे रोका गया, लेकिन तब तक वह फंदे से लटक चुका था. तुरंत जेल प्रशासन को सूचना दी गयी. सूचना मिलते ही जेल प्रशासन हरकत में आया और कैदी जितेंद्र को तुरंत एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया.कैदी के माता-पिता पहुंचे अस्पताल :
घटना की जानकारी मिलने पर सोमवार को जितेंद्र के माता-पिता अस्पताल पहुंचे. पिता जटन रवानी ने बताया कि सोमवार को मनसा पूजा का पारन था और सुबह से ही हमलोग पूजा में लगे हुए थे. तभी बेटी का फोन आया. उसने बताया की जेल से सूचना मिली है कि जितेंद्र की हालत गंभीर है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसके बाद पूरे परिवार के साथ पूर्वाह्न नौ बजे अस्पताल पहुंचे. यहां देखा की बेटा का हालत गंभीर है.पेन से हथेली पर लिखा सुसाइड नोट :
जितेंद्र ने आत्महत्या करने से पूर्व अपनी हथेली पर पेन से प्रेमिका के नाम सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें उसने लिखा है कि वह उससे बहुत प्रेम करता है, लेकिन प्रेम में धोखा मिला है. उसे गलत आरोप में फंसाया गया है. इसके लिए उसने प्रेमिका और उसके पिता को दोषी ठहराया है. उसके बिना नहीं जी सकता, इसलिए यह कदम उठा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

