Dhanbad News: जिले के सभी विद्यालयों ((सरकारी एवं निजी विद्यालय सहित) में शुगर बोर्ड की स्थापना कर छात्रों को अत्यधिक शर्करा सेवन के जोखिमों के बारे में जागरूक करना है. अनुशंसित दैनिक शर्करा सेवन, आमतौर पर सेवन किए जाने वाले खाद्य पदार्थों में शर्करा की मात्रा (जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक आदि जैसे अस्वास्थ्यकर भोजन), उच्च शर्करा सेवन से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम और स्वस्थ आहार विकल्प शामिल करना है. साथ ही विद्यालय सूचित खाद्य विकल्पों के प्रति छात्रों को प्रोत्साहित किया जाना है. इससे संबंधित पत्र जिला शिक्षा विभाग को मिलने के बाद स्कूलों को जरूरी निर्देश जारी किया जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है. इसका आयोजन कर बच्चों को मधुमेह के प्रति जागरूकता बढ़ायी जानी है. अभियान में पीटीएम कर अभिभावकों के साथ इस पर चर्चा कर उन्हें भी जागरूक किया जाना है. बच्चों के माध्यम से प्रोजेक्ट बनवाकर ‘शुगर बोर्ड ’ में लगाना है.
बच्चों में टाइप टू मधुमेह में हुई वृद्धि :
पत्र में कहा गया है कि एक दशक में बच्चों में टाइप टू मधुमेह में व्यापक रूप से वृद्धि हुई है, जो कभी मुख्य रूप से वयस्कों में देखी जाती थी. यह चिंताजनक प्रवृत्ति काफी हद तक उच्च शर्करा सेवन के कारण है. शर्करायुक्त स्नैक्स, पेय और जंक फूड खाद्य पदार्थों विद्यालय के आसपास आसानी उपलब्ध हो जाता है. अत्यधिक शर्करा का सेवन न केवल मधुमेह के खतरे को बढ़ाता है बल्कि मोटापा, दंत समस्याएं और अन्य विकार का भी कारण बनता है, जो बच्चों के दीर्घकालिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रदर्शन पर बुरा असर करता है.क्या है अध्ययन :
अध्ययनों से पता चलता है कि शर्करा 4 से 10 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए दैनिक कैलोरी सेवन का 13 प्रतिशत और 11 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए 15 प्रतिशत है, जो अनुशंसित 5 प्रतिशत की सीमा से काफी अधिक है. कई गतिविधियों का किया जाना है आयोजन : समय-समय पर शर्करा-जागरूकता गतिविधियों या कार्यशालाओं का संचालन करने एवं संतुलित आहार आदतों के महत्व को सुदृढ़ करने के लिए निकट के केंद्र से भी सहयोग लिया जाना है. सभी प्रभारी प्राचार्य, डायट इस अभियान में विद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाले सभी प्रकार के प्रशिक्षणों या उन्मुखीकरण में ‘शुगर बोर्ड’ पर चर्चा सत्र आयोजित करना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है