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Dhanbad News: गलत तरीके से एक्सरसाइज करने पर बैक पेन, शोल्डर इंजरी और एंकल मोच का खतरा

Dhanbad News: प्रभात खबर ऑनलाइन मेडिकल काउंसेलिंग में ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ निखिल ड्रोलिया ने दी सलाह

Dhanbad News: वरीय संवाददाता, धनबाद. घुटने और जोड़ों की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अब तक बुजुर्गों में आम मानी जाने वाली यह समस्या कई युवाओं में भी दिखने लगी है. चिकित्सकों के अनुसार गलत जीवनशैली, व्यायाम के दौरान लापरवाही और विटामिन डी की भारी कमी इसके प्रमुख कारण बनकर सामने आ रहे हैं. पिछले दो-तीन वर्षों में 20 से 35 वर्ष के युवाओं में घुटने से संबंधित शिकायतें काफी बढ़ी हैं. इनमें खासकर जिम में बिना गाइडेंस के भारी वजन उठाना, गलत पोजिशन में स्क्वाट और डेडलिफ्ट करना, वार्मअप व स्ट्रेचिंग की अनदेखी करना मुख्य वजह है. गलत तरीके से की गयी एक्सरसाइज पहले बैक पेन, शोल्डर इंजरी और एंकल मोच का कारण बनती है. धीरे-धीरे घुटने के लिगामेंट पर दबाव बढ़ाता है, जिससे गंभीर इंजरी की आशंका बढ़ जाती है. वहीं युवाओं में विटामिन डी की कमी एक बड़ी समस्या बनकर सामने आयी है. दिनभर घर या ऑफिस में रहने और धूप से दूरी बनाने के कारण शरीर को आवश्यक विटामिन डी नहीं मिल पाता, जिसका सीधा असर हड्डियों की मजबूती पर होता है. इससे घुटने में सूजन, दर्द और जकड़न जैसी समस्याएं पैदा होती है. दूसरी ओर बुजुर्गों में ऑस्टियोआर्थराइटिस तेजी से बढ़ रहा है. बढ़ती उम्र के साथ घुटने के कार्टिलेज घिसने लगते हैं. इससे चलने-फिरने में दर्द होता है. कई मरीज इलाज में देरी करते हैं, जिसके कारण स्थिति और बिगड़ती है. समय पर जांच और उपचार से घुटने बदलने की नौबत से काफी हद तक बचा जा सकता है. यह सुझाव शुक्रवार को प्रभात खबर ऑनलाइन मेडिकल काउंसेलिंग में ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ निखिल ड्रोलिया ने दिये. इस दौरान अधिकांश लोगों ने घुटने व कमर दर्द से जुड़े सवाल पूछे. झरिया से अमर कुमार गुप्ता ने पूछा : बांये घुटने में हमेशा दर्द रहता है? डॉक्टर : यह घुटने के खराब होने का संकेत है. एक्स-रे के जरिए इसका पता लगाना आसान है. इसके लिए ऑर्थोपेडिक चिकित्सक से परामर्श करें. तबतक घुटनों में दबाव कम दें. बोकारो से मनीष कश्यप ने पूछा : लंबे समय से घुटनों की दर्द से परेशान है, बैठने के बाद उठने में काफी परेशानी होती है? डॉक्टर : यह ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या हो सकती है. एक्स-रे के जरिए घुटने की वास्तविक स्थिति का पता लगाना जरूरी है. पालथी मारकर बैठने से परहेज करें. सीढ़ी चढ़ना-उतारना कम कर दें. कोशिश करें की ज्यादा देर खड़ा होकर कोई काम नहीं करें. बाेकारो से इजहार ने पूछा : मैं एक छात्र हूं, कुछ दिनों से बैकपेन की समस्या है. गर्दन में भी दर्द रहता है? डॉक्टर : सबसे पहले पालथी मारकर बैठकर पढ़ाई करना बंद कर दें. प्रयास करें कि टेबल पर पढ़ाई करें. विटामिन डी की जांच करायें. कुछ गर्दन से जुड़ी एक्सरसाइज करने से दर्द में लाभ मिलेगा. झरिया से निभा गुप्ता ने पूछा : कमर दर्द से परेशान हूं. कभी-कभी असहनीय दर्द होता है? डॉक्टर : सबसे पहले दर्द का पता लगाना जरूरी है. इसके लिए कमर का एक्स-रे करवाएं. इसके बाद नजदीकी ऑर्थोपेडिक चिकित्सक से परामर्श लें. बोकारो से प्रशांत कुमार ने पूछा : जांघ के आगे हिस्से में हमेशा दर्द रहता है? डॉक्टर : जांघ के आगे हिस्से में दर्द के कारणों का पता लगाना जरूरी है. तभी इलाज संभव है. आमताैर पर जांघ के आगे हिस्से में होने वाला दर्द मस्क्यूलर पेन हो सकता है. एक बार ऑर्थोपेडिक चिकित्सक से परामर्श लें. गिरिडीह से मोहन कुमार दास ने पूछा : कुछ दिनों से घुटनों के अकड़ने की समस्या से परेशान हूं, खासकर गाड़ी चलाते समय समस्या बढ़ जाती है? डॉक्टर : लंबे समय तक कार ड्राइव करते समय घुटनों के अकड़ने की वजह कमजोरी हो सकती है. फिजियोथेरेपिस्ट से मिलकर घुटनों को मजबूत करने संबंधित एक्सरसाइज कर सकते है. इससे फायदा होगा. दर्द होने पर दवा ले सकते है. इससे भी आराम नहीं मिलने पर चिकित्सक से परामर्श लें. बैँकमोड़ से आरती प्रसाद ने पूछा : घुटनों के साथ हाथ-पेर के गांठों में दर्द रहता है? डॉक्टर : यह समस्या गठिया रोग की ओर इशारा करता है. एक्स-रे ओर कुछ ब्लड जांच से बीमारी का पता लगाना आसान है. इसके बाद ही इलाज शुरू किया जा सकता है. हाउसिंग कॉलोनी से सुचोरिता बंधोपाध्याय ने पूछा : काफी दिनों से घुटने खराब हो चुके है. ऑपरेशन में उम्र क्या बाधा उतपन्न कर सकती है? डॉक्टर : एक उम्र के बाद घुटना खराब होना एक आज के दौर में आम हो गया है. धनबाद में भी घुटने का प्रत्यारोपन सफलता पूर्वक किया जा रहा है. इसमें उम्र कोई बाधा नहीं है. बरवाअड्डा मंडल बस्ती से सुदामा चंद्र मंडल ने पूछा : घुटने में दर्द रहता था. चिकित्सक से सलाह लेने पर बताया कि घुटना खराब हो चुका है? डॉक्टर : घुटनों का प्रत्यारोपण इसका एकमात्र इलाज है. दवाएं कुछ देर के लिए राहत दे सकती है. दर्द से राहत के लिए ऑपरेशन करवाएं. इसमें किसी तरह को कोई जोखिम नहीं है. हड्डी संबंधित बीमारी से बचाव के लिए क्या करें : संतुलित आहार लें, कैल्शियम, विटामिन डी, प्रोटीन और मैग्नीशियमयुक्त भोजन जैसे दूध, दही, अंडा, दालें, हरी सब्जियां. रोजाना 15-20 मिनट सुबह की धूप से विटामिन डी मिलता है. नियमित हल्का व्यायाम, चलना, साइकलिंग, तैराकी, योग, वेट ट्रेनिंग सही तकनीक और ट्रेनर की देखरेख में करें. पोस्चर सही रखें, बैठने, उठने और मोबाइल इस्तेमाल करते समय पीठ सीधी रखें. बोन डेंसिटी, विटामिन डी की जांच समय-समय पर जांच कराते रहें, खासकर अगर दर्द बना रहता है. पर्याप्त पानी पिएं, इससे शरीर में लचीलापन बना रहता है. वजन नियंत्रित रखें, अधिक वजन घुटनों और कमर पर बोझ बढ़ाता है, आराम दें दर्द या सूजन होने पर तुरंत आराम लें. क्या न करें : बिना ट्रेनर के भारी जिम एक्सरसाइज न करें, खासकर स्क्वाट, डेडलिफ्ट, लेग प्रेस जैसी गतिविधियां. बार-बार सीढ़ियां न चढ़ें अगर घुटने में दर्द रहता है.लंबे समय तक एक ही पोजिशन में न बैठे व खड़े रहें. कैल्शियम और विटामिन डी की दवा बिना डॉक्टर की सलाह से नहीं लें. दर्द को इग्नोर न करें, इससे चोट बढ़ सकती है. धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन नहीं करें, यह हड्डियों को कमजोर करते है. अचानक कठोर व्यायाम शुरू न करें, धीरे-धीरे बढ़ाएं. गलत तरीके से वजन नहीं उठाएं, कमर झुकाकर वजन उठाना चोट का सबसे बड़ा कारण है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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