Dhanbad News: अदालत ने अभियोजन पक्ष की बहस के लिए तिथि सात अक्तूबर 2025 निर्धारित कीDhanbad News: डुमरी विधायक सह झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो की ओर से दायर डिस्चार्ज पिटीशन पर सुनवाई शुक्रवार को एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत में हुई. अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक सत्येंद्र कुमार राय ने बहस के लिए समय की मांग की. अदालत ने अभियोजन पक्ष की बहस के लिए अगली तारीख सात अक्तूबर 2025 निर्धारित कर दी. 27 नवंबर 2023 को रवि कुमार आनंद की शिकायत पर जयराम महतो एवं अन्य के खिलाफ बोकारो जिला के सियालजोड़ी थाना में कांड संख्या 118/23 दर्ज किया गया था. मामला वेदांता प्लांट के मजदूर के आंदोलन से जुड़ा है. बताया गया कि 27 नवंबर 2023 को प्लांट में मजदूरों द्वारा जयराम महतो की तस्वीर लगा कर प्रदर्शन किया था. इसके कारण वेदांता फोर लेन रोड जाम हो गया था. वाहनों का आवागमन ठप हो गया था. इससे प्लांट को आर्थिक नुकसान पहुंचा. बताते चलें कि इससे पूर्व यह मामला बोकारो सिविल कोर्ट के जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत में चल रहा था. वहां से यह मामला एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत में सुनवाई के लिए भेजा गया. 18 जुलाई 2025 को विधायक जयराम महतो ने अदालत में पेश हुए थे. उन्होंने पेशी के बाद कहा कि उनका आंदोलन से कोई लेना देना नहीं था. वह आंदोलन स्थल पर उस दिन उपस्थित नहीं थे. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में उनकी तस्वीर थी, इसलिए उसे इस मामले में फंसाया गया है.
अपहरण मामले मे एकलव्य सिंह नहीं हुए कोर्ट में हाजिर
धनबाद. रंगदारी के लिए इंजीनियर का अपहरण व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले की सुनवाई शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम मनीष रंजन की अदालत में हुई. केस अभिलेख साक्ष्य पर निर्धारित था. लेकिन अभियोजन की ओर से कोई गवाह पेश नहीं किया गया. अदालत में एकलव्य सिंह व राज आनंद सिंह गैर हाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ने प्रतिनिधित्व आवेदन दायर किया. अदालत ने अभियोजन को गवाह पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 25 नवंबर 2025 निर्धारित की है. ज्ञात हो कि एक जुलाई 2016 को कार्यपालक अभियंता नगर निगम अरुण सिंह अपने कार्यालय में काम कर रहे थे. राजआनंद सिंह ने उन्हें फोन कर बुलाया. बाहर आने पर एकलव्य सिंह की गाड़ी लगी थी. एकलव्य सिंह व राज आनंद सिंह ने उन्हें जबरन गाड़ी में बिठा लिया. पूजा टॉकीज की तरफ गाड़ी लेकर चलने लगे. इसी बीच एकलव्य सिंह ने कहा कि मेरा दो लाख का नुकसान हुआ है, क्यों नहीं दिया. चंचनी कॉलोनी के एक घर के पास एकलव्य सिंह गाड़ी से उतर गये और राज आनंद सिंह को कहा कि इन्हें कार्यालय छोड़ दो. अनुसंधान के दौरान पुलिस ने अभियंता अरुण सिंह का आठ जुलाई 2016 को धारा 164 के तहत अदालत में बयान दर्ज कराया था. इस मामले में 13 जुलाई 2016 को एकलव्य सिंह व राज आनंद सिंह ने अदालत में आत्मसमर्पण किया था. फिलवक्त दोनों जमानत पर हैं.जानलेवा हमला में मुखिया समेत पांच को नहीं मिली अग्रिम जमानत
धनबाद. निरसा थाना क्षेत्र के विद्यासागर कॉलोनी निवासी जीवन कुमार एवं उनके दोस्त शेरू शेख पर किये गये जानलेवा हमला मामले में आरोपित राजा कोलियरी निवासी निरसा उतर पंचायत के मुखिया दिनेश सिंह, उनके पुत्र कृष्णा सिंह, प्रेम सिंह उर्फ प्रेम कुमार सिंह, निखिल सिंह व सोलू सिंह की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत में हुई. बचाव पक्ष से अधिवक्ता राजेश ने बहस की. अपर लोक अभियोजक सत्येंद्र कुमार राय ने जमानत का कड़ा विरोध किया. अदालत ने उभय पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. बताते चलें कि 19 मई 2025 को करीब नौ बजे रात जीवन कुमार अपने घर में बैठ कर अपने मित्र शेरू शेख के साथ बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान स्थानीय मुखिया दिनेश सिंह, उनके पुत्र कृष्णा सिंह, प्रेम सिंह, सुमित सिंह, निखिल सिंह, सोलू सिंह लाठी, डंडा व रॉड लेकर उसके घर में घुस कर जीवन और उसके मित्र शेरू शेख को मारकर दोनों का सिर फोड़ दिया. जीवन कुमार की शिकायत पर निरसा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

