धनबाद.
नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने प्रमोद सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले, झारखंड एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने वर्ष 2016 में छापेमारी कर उनकी करोड़ों की अवैध संपत्ति उजागर की थी और आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था. उस समय प्रमोद सिंह झरिया सह जोड़ापोखर सीएचसी चासनाला में ब्लॉक अकाउंट्स मैनेजर के पद पर थे. अब इडी ने उनके सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की है. जिन लोगों के यहां छापे मारे गए, वे सभी एनआरएचएम घोटाले या प्रमोद सिंह से सीधे तौर पर जुड़े रहे हैं.क्या है मामला
प्रमोद कुमार सिंह धनबाद के निवासी हैं और एनआरएचएम में हुए नौ करोड़ रुपये के घोटाले के मुख्य आरोपी हैं. जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने उसे 12 बार समन भेजा था, लेकिन वह एजेंसी के सामने प्रस्तुत नहीं हुए़. इसके बाद इडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इस घोटाले से जुड़े केस में इडी ने धनबाद में कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. एजेंसी ने प्रमोद सिंह के ड्राइवर अजीत सिंह के भूली स्थित आवास की भी तलाशी ली थी. प्रमोद सिंह पहले स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थे, लेकिन बर्खास्तगी के बाद उसने कोयला कारोबार में कदम रखा.कैसे हुआ घोटाला ?
झारखंड एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एनआरएचएम के तहत वर्ष 2011-12 में प्राइमरी हेल्थ सेंटर (पीएचसी) के लिए आवंटित छह करोड़ 97 लाख 43 हजार रुपये से अधिक की गड़बड़ी पकड़ी थी. इस मामले में एसीबी ने 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसे बाद में इडी ने अपने हाथ में ले लिया. प्रमोद सिंह पर आरोप है कि उन्होंने पीएचसी के लिए आवंटित धनराशि को अपने खाते में ट्रांसफर करा लिया और उसे गलत तरीके से खर्च किया.पीएचसी के 10 अकाउंट्स की राशि प्रमोद सिंह के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई थी. उनकी पत्नी प्रिया सिंह के खाते में भी अवैध रूप से पैसे भेजे गए थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है