Dhanbad News: बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को तय मानदेय नहीं देने की शिकायत को श्रम विभाग ने संज्ञान लिया है. सहायक श्रमायुक्त प्रवीण कुमार ने मामले पर सुनवाई करते हुए न्यूनतम मजदूरी की परिभाषा याद दिलायी है. इस दौरान विश्वविद्यालय की ओर से प्रोक्टर डाॅ कौशल किशोर व वित्त पदाधिकारी डाॅ शिव प्रसाद समेत आउटसोर्सिंग कर्मचारी मौजूद थे.
सहायक श्रमायुक्त श्री कुमार ने सीधे तौर पर कहा कि न्यूनतम मजदूरी भुगतान अधिनियम के तहत जो मजदूरी पूर्व में देय थी, उसी का भुगतान आगे भी किया जाता है. नये एकरारनामा के अनुसार इसे बदला नहीं जा सकता. जब पूर्व की मैनपावर सप्लाई कंपनी कुशल को 20 हजार, अर्द्धकुशल को 16500 और अकुशल कर्मचारियों को 15300 रुपये का भुगतान कर रही थी, तो फिर नयी कंपनी के साथ हुए एकरारनामा में इनकी पारिश्रमिक राशि को कम नहीं किया जाना था. प्रावधान के अनुसार अब यही न्यूनतम राशि होगी. उन्होंने पांच दिनों के अंदर अंतर राशि का भुगतान कर कागजात उपलब्ध कराने का आदेश दिया. कहा कि विश्वविद्यालय इस समझौते को नहीं मानती है तो फिर मामला श्रम न्यायालय में भेज दिया जायेगा.विश्वविद्यालय को मिला 15 दिन का समय
सुनवाई के दौरान माैजूद विश्वविद्यालय प्राक्टर डाॅ कौशल कुमार ने कहा कि उपरोक्त आदेश के अनुपालन को लेकर सिंडिकेट की बैठक में चर्चा करना अनिवार्य है. इसके बाद ही इसपर निर्णय लिया जायेगा. उन्होंने 15 दिन का समय मांगा. सहायक श्रमायुक्त ने उन्हें 15 दिन का समय देते हुए मामले का निपटारा करने की बात कही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

