विश्व स्ट्रोक दिवस पर विशेष
धनबाद.
29 अक्तूबर को दुनियाभर में वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों को स्ट्रोक और हृदय संबंधी बीमारियों के प्रति जागरूक करना है. इधर धनबाद में आज भी हृदय रोगों के इलाज की सरकारी सुविधा नहीं होना बड़ी चिंता का विषय है. जिले की आबादी लगभग 30 लाख है, लेकिन यहां के सरकारी अस्पतालों में कार्डियोलॉजी विभाग व हृदय रोग विशेषज्ञों की नियुक्ति अब तक नहीं की गयी है. गंभीर हृदय रोग या स्ट्रोक के मामलों में मरीजों को रांची जाना पड़ता है. इससे न सिर्फ इलाज में देर होती है, बल्कि गरीब मरीजों के लिए आर्थिक बोझ भी बढ़ जाता है.एसएनएमएमसीएच में सिर्फ जांच की व्यवस्था
एसएनएमएमसीएच में बुनियादी जांच की सुविधाएं तो हैं, लेकिन एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, बायपास सर्जरी जैसी सेवाएं उपलब्ध नहीं है. धनबाद जैसे औद्योगिक जिले में जहां प्रदूषण और तनाव का स्तर दोनों अधिक हैं, हृदय रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सुविधाओं की कमी के कारण कई मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में हर साल सैकड़ों लोग हार्ट अटैक और स्ट्रोक से जान गंवाते हैं.सुपर स्पेशियलिटी शुरू होती तो हृदय रोगियों को मिलती इलाज की सुविधा
एसएनएमएमसीएच के पास 167 करोड़ रुपये की लागत से सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनकर तैयार है. यहां हृदय रोग विभाग के साथ अन्य रोगों से संबंधित विशेषज्ञ विभागों की स्थापना होनी है. सरकारी उदासीनता से अबतक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सेवाएं शुरू नहीं हो पायी हैं. वर्तमान में यहां कुछ विशेषज्ञ विभागों की ओपीडी सेवा तो शुरू हुई है, पर हृदय रोग की ओपीडी सेवा शुरू नहीं हो पायी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

