धनबाद.
छह साल बीत चुके हैं, पर धनबाद जलापूर्ति योजना फेज-2 का काम अब भी मात्र 70 प्रतिशत ही पूरा हुआ है. योजना के तहत मैथन में 77 एमएलडी का इंटेकवेल बनना है. पूर्व में जहां इंटेकवेल बना था, नये के लिए उसकी बगल में जगह चिह्नित की गयी थी. उसकी डिजाइन व मिट्टी जांच हो चुकी थी. अचानक उसका लोकेशन बदल दिया गया. नये लोकेशन के लिए डीवीसी से अब तक एनओसी नहीं मिला है. सूत्रों के अनुसार, छह महीने से एनओसी का मामला डीवीसी के लेवल पर अटका है.441 करोड़ रुपये है लागत
डीएमएफटी फंड बन रही धनबाद शहरी जलापूर्ति योजना फेज-2 की जो हालत है, उससे यही लग रहा है कि अगले दो साल में भी यह पूरी नहीं होगी. योजना की लागत 441 करोड़ रुपये है. काम एलएंडटी कंपनी कर रही है. योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी. 76 हजार घरों में पानी कनेक्शन देने का लक्ष्य है. पांच साल बीत गये, अब तक मात्र तीन हजार घरों को कनेक्शन दिया जा सका है. अगर यह योजना पूरी तरह धरातल पर उतरती है, तो शहरी क्षेत्र में 10 एमएलडी अतिरिक्त पानी मिलेगा. एलएंडटी कंपनी को दो बार वर्ष 2023 व 2024 में एक्सटेंशन मिला है. इधर, उपायुक्त आदित्य रंजन ने इसी वर्ष काम पूरा करने की डेडलाइन तय की है.
22 वार्डों में 517 किमी पाइपलाइन बिछाई गयी
योजना के तहत वार्ड 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30, 31, 32, 52, 53, 54 में डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन बिछाई जानी है और 76 हजार घरों को कनेक्शन देना है. डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन का काम लगभग पूरा हो गया है. इन 22 वार्डों में 530 किमी पाइप बिछानी है. 517 किमी तक पाइप बिछ चुकी है. 13 किमी बची पाइप बिछाने का काम चल रहा है.
भूईंफोड़ पहाड़ पर बन रहा है संप हाउस
भूईंफोड़ पहाड़ पर संप हाउस बन रहा है. अब तक 70 प्रतिशत काम हुआ है. यहीं से शहर में जलापूर्ति करायी जायेगी. इससे पानी का प्रेशर रहेगा. कोक फैक्ट्री मुगमा व खरिकाबाद में पक्का का स्ट्रक्चर है. अतिक्रमण के कारण यहां राइजिंग पाइप नहीं बिछ पा रही है. मैथन से भेलाटांड़ तक 45 किमी तक राइजिंग पाइप बिछानी है. अब तक 28 किमी तक बिछी है. भूईंफोड़ से वासेपुर तक 12 किमी तक पाइपलाइन का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है. एमपीएल के पास रेलवे क्राॅसिंग है. यहां पाइप बिछाने के लिए एनओसी नहीं मिल रहा है. गया पुल की क्राॅसिंग का भी एनओसी नहीं मिला है.
डीवीसी से एनओसी नहीं मिलने के कारण काम लटकानगर आयुक्त रविराज शर्मा ने बताया किअब तक फेज-2 का 60 से 70 प्रतिशत काम पूरा हुआ है. डीवीसी से एनओसी नहीं मिलने के कारण इंटेकवेल का काम लटका है. हालांकि एनओसी अब फाइनल स्टेज में है. भेलाटांड़ में 10 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बन रहा है. मैथन से रॉ वाटर भेलाटांड़ आयेगा. यहां ट्रीटमेंट कर भूईंफोड़ पहाड़ पर डीएसआर बना है, वहां पहुंचाया जायेगा. वहां से पानी छोड़ा जायेगा. वर्तमान जलापूर्ति पाइप लाइन का प्रेशर बढ़ेगा और लोगों को पर्याप्त पानी मिलेगा. एनएचआइ व एनएच के पास भी कुछ जगहों के लिए एनओसी का मामला लटका है.
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