धनबाद की एक राजनीतिक पार्टी के जिलाध्यक्ष को हथियार लहराना भारी पड़ गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार नेताजी एक खिलाड़ी से विवाद के दौरान उसपर हथियार सटाकर रौब दिखा रहे थे. पुलिस को जानकारी मिली तो नेताजी को उठाकर थाना ले आयी. रात भर हाजत में बंद कर दिया गया. हाजत में बंद होते ही नेताजी की हेकड़ी निकल गयी. सुबह समझौता हुआ और नेताजी को पुलिस ने पीआर बांड पर छोड़ दिया.
क्या है पूरा मामला
बताया जाता है कि नेताजी अपनी कॉलोनी में थे. उस दौरान वहां पर रहने वाले किसी खिलाड़ी से विवाद हो गया. नेताजी को लगा कि एक अदना सा आदमी मेरे सामने कैसे खड़ा रह सकता है उसके बाद मारपीट की स्थिति पैदा हो गयी और नेताजी ने अपना पिस्टल निकाला और सटा दी. इसके बाद क्या था वहां पर कई लोग भाग खड़े हुए, तो कुछ नेताजी के कारनामे पर खुश थे, लेकिन किसी ने पुलिस को सूचना दे दी. पुलिस पहुंची और नेताजी को पकड़ कर थाना ले गयी. पीड़ित ने भी थाना में उनके खिलाफ बयान दिया. जब आरोपी के पार्टी के लोगों को जानकारी मिली तो सभी थाना पहुंच गये. पूरी रात पीड़ित को मान मनौवल करने लगे. सुबह होते होते पीड़ित मान गया और उसने थाना में नेताजी के खिलाफ किसी तरह की शिकायत नहीं की.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

