धनबाद.
गोविंदपुर थाना क्षेत्र के खालसा होटल में हुए बमकांड मामले में गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय राकेश कुमार की अदालत ने फैसला सुनाया. अदालत ने विकास सिंह व जेल में बंद मेजर उर्फ नसीम अंसारी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. विकास सिंह की ओर से वरीय अधिवक्ता जया कुमार व अधिवक्ता आयुष सिन्हा ने पैरवी की.खालसा होटल के संचालक ने दर्ज करायी थी प्राथमिकी
प्राथमिकी खालसा होटल रतनपुर जीटी रोड गोविंदपुर के संचालक गुरुचरण सिंह ने गोविंदपुर थाना में दर्ज कराई थी. इसके मुताबिक 11.9.2023 को सुबह 7:42 बजे उनका छोटा पुत्र तरणजीत सिंह होटल के काउंटर में था. इस दौरान काले रंग की बाइक पर सवार होकर दो युवक आये और होटल के काउंटर पर बम फेंका, जो नहीं फटा. इसके बाद उन्होंने दूसरा बम फेंका, जिससे जोरदार विस्फोट हुआ. इसके पूर्व छोटे सरकार के शूटर मेजर के नाम से रंगदारी के लिए उन्हें धमकी दी गई थी. उन्होंने आरोप लगाया है कि रंगदारी के लिए छोटे सरकार के शूटर मेजर ने साजिश कर उनकी हत्या की नियत से उनके होटल पर बम फेंका. पुलिस ने अनुसंधान के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया था. केस विचारण के दौरान अभियोजन ने आठ गवाहों की गवाही कराई थी.
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