धनबाद : झारखंड के कई जिलों में हजारों मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों को मार्च समेत तीन माह की राशि नहीं मिली है. इसके पीछे अधिकारियों ने जांच का हवाला दिया है. इसमें कहा गया है कि इस योजना को लेकर भारी संख्या में फर्जीवाड़ा भी हुआ है. इसी को लेकर सभी लाभुकों का सत्यापन किया जा रहा है. इसी क्रम में जिनका सत्यापन नहीं हुआ है, उन्हें इस माह सम्मान राशि नहीं दी गयी है. ऐसी लाभुकों की संख्या हजारों की संख्या में है, पर विभाग ने ऐसे लाभुकों के सत्यापन का जो तरीका अपनाया है, उस पर सवाल उठाये जाने लगे हैं.
मंईयां सम्मान के लाभ से वंचित महिलाओं की जानकारी चिपका दी गयी दिवार पर
दरअसल, एक साथ तीन माह की राशि 7500 रुपये मिलने की सूचना पर लाभ से वंचित महिलाओं की भारी भीड़ प्रखंड कार्यालयों में उमड़ रही है. भारी भीड़ को लेकर परेशानी बढ़ गयी है. इससे बचने के लिए बोकारो और धनबाद जिले के कई प्रखंडों में लाभ से वंचित महिलाओं की पूरी जानकारी दीवार पर चिपका दी गयी है. इस सूची में महिला का पूरा पता, मोबाइल नंबर और बैंक खाते की भी पूरी जानकारी दे दी गयी है. अब इसका विरोध शुरू हो गया है. महिलाओं का कहना है कि लाभ से वंचित होने वाली महिलाओं के दिवार पर चिपकाने से साइबर क्राइम का खतरा बढ़ा है.
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सार्वजनिक की सूची
मिली जानकारी के अनुसार, मंईयां सम्मान योजना के तहत धनबाद, बोकारो और गिरिडीह जिले की हजारों लाभुकों का बैंक खाता आधार से सीडिंग नहीं है. पता में भी गड़बड़ी है. इस वजह से लाभुक सत्यापन के दायरे में आ गयी हैं. इन सबको लेकर अलग-अलग प्रखंड और अंचलों को वैसी लाभुकों की सूची भेजी गयी है और उनको अपने कागजात ठीक कराने के लिए कहा गया है. लेकिन भारी भीड़ को देखते हुए उस सूची को लगभग सभी जगह सार्वजनिक तौर पर चिपका दिया गया है. लाभुकों से कहा जा रहा है कि वह सूची में अपना नाम देखकर अपने कागजात दुरुस्त कराएं.
झारखंड की ताजा खबरें यहां पढ़ें