बीसीसीएल ने पावर सेक्टर के उपभोक्ताओं को कोयला उठाव को प्रोत्साहित करने के लिए परफॉर्मेंस इंसेंटिव (पीआइ) की गणना में अस्थायी राहत देने का फैसला लिया है. यह नया प्रावधान 30 सितंबर 2025 तक प्रभावी रहेगा. बीसीसीएल का यह निर्णय 14 अगस्त 2025 को हुई बोर्ड बैठक में पारित प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब इसे लागू किया जा रहा है. नये प्रावधान के मुताबिक यदि पावर उपभोक्ता एफएसए (फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट) के तहत 30 सितंबर 2025 तक निर्धारित मासिक मात्रा का 90% से अधिक कोयला उठाते हैं, तो उस अतिरिक्त उठाये गये कोयले को परफॉर्मेंस इंसेंटिव की गणना में शामिल नहीं किया जायेगा. उपभोक्ताओं को अतिरिक्त कोयला उठाने पर कोई अतिरिक्त पीआइ नहीं देनी होगी. बीसीसीएल के इस निर्णय से जहां पावर कंपनियों को अतिरिक्त कोयला उठाने में राहत मिलेगी, वहीं कंपनी को अपने उठाव और राजस्व लक्ष्यों को पूरा करने में भी सहूलियत मिलेगी. बता दें कि वर्ष 2024-25 में बीसीसीएल ने पावर सेक्टर को 31.15 मिलियन टन कोयला सप्लाई की थी. इससे लगभग 8,844 करोड़ का राजस्व अर्जित हुआ था. 2025-26 में भी पिछले वर्ष के बराबर राजस्व बनाये रखने के लिए बीसीसीएल को लगभग 34.08 मिलियन टन कोयला सप्लाई करनी होगी. यानी कंपनी को अतिरिक्त लगभग 3 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति बढ़ानी होगी. चूंकि प्रति टन वैरिएबल कॉस्ट 1170 है, इसलिए यह अतिरिक्त बिक्री वॉल्यूम कंपनी को लागत वहन करने में भी सहायक होगा. बीसीसीएल ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा परिस्थितियों में केवल नियंत्रित (रेगुलेटेड) और गैर-नियंत्रित (नन रेगुलेटेड) सेक्टर की मांग से लक्ष्य हासिल करना असंभव है.
कोयला उठाव में गिरावट :
बीसीसीएल को 2025-26 वित्तीय वर्ष में 47 मिलियन टन कोयला उठाव का लक्ष्य प्राप्त करना है, जो पिछले साल के मुकाबले 23% अधिक है. हालांकि, अप्रैल 2025 में बीसीसीएल केवल 81.1% कोयला उठाव लक्ष्य ही पूरा कर सका, जो पिछले वर्ष से 4% की गिरावट दर्शाता है. इसके साथ ही, बीसीसीएल ने इ-ऑक्शन में भी कमजोर प्रदर्शन देखा है, जहां अप्रैल 2025 में 6.65 लाख टन कोयला ऑफर किया गया, लेकिन केवल 66,000 टन की बुकिंग हुई, यानी लगभग 10% बुकिंग हुई. वर्तमान में बीसीसीएल के पास सात मिलियन टन से अधिक कोयला स्टॉक है, जो राजस्व सृजन में बाधा और गुणवत्ता में गिरावट का कारण बन रहा है.पावर कंपनियों ने उठाया था मूल्य अंतर का मुद्दा :
सूचना के मुताबिक पावर कंपनियों ने बीसीसीएल से कोयला कीमतों और आपूर्ति में राहत देने की मांग की थी, क्योंकि बीसीसीएल की कोयला कीमतें अन्य कंपनियों से अधिक है. इसके कारण कई पावर कंपनियों ने बीसीसीएल से राहत देने का अनुरोध किया है. जिसमें मैथन पावर लिमिटेड, एचपीजीसीएल व एनटीपीसी जैसी कंपनियां शामिल है.परफॉर्मेंस इंसेंटिव (पीआइ) का नया प्रावधान :
मौजूदा एफएसए नियम के अनुसार 90-95% कोयला लिफ्टिंग पर पांच पीआइ लगता है. जबकि 95-100% लिफ्टिंग पर 10% पीआइ व 100% से अधिक लिफ्टिंग पर 40% पीआइ लागू है. परंतु बीसीसीएल ने पीआइ में छूट (वेयवर) देकर पावर कंज्यूमर्स को आकर्षित किया है, ताकि उपभोक्ताओं को अतिरिक्त कोयला उठाने के लिए प्रेरित किया जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

