वर्तमान में प्रत्यूष कश्मीर में एसडीएम उरी के पद पर कार्यरत हैं. नॉर्दर्न आर्मी कमांडर ने उन्हें विशेष योगदान के लिए कमेंडेशन मेडल भी प्रदान किया. शुभांकर ने 2020 में आइआइटी धनबाद से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया. इसके बाद 2021 की यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया 11वीं रैंक प्राप्त कर अपनी प्रतिभा और मेहनत का लोहा मनवाया.
पूर्वी चंपारण के रहने वाले हैं शुभांकर
शुभांकर मूल रूप से बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रहने वाले हैं. शुभांकर को सिविल सेवा आने की प्रेरणा उनके पिता और वरिष्ठ आइएएस अधिकारी राजेश पाठक से मिली. इंजीनियरिंग के बाद कुछ समय तक उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्य किया लेकिन थोड़े समय के बाद नौकरी छोड़कर सिविल सेवा की तैयारी में जुट गये. शुभांकर का मानना है कि विषय की गहरी समझ, योजनाबद्ध तैयारी और साक्षात्कार में आत्मविश्वास सफलता की असली कुंजी है.
क्यों मिला कमांड कमेंडेशन कार्ड
कमांड कमेंडेशन कार्ड सेना द्वारा केवल सैनिक अधिकारियों को ही नहीं, बल्कि सिविल प्रशासन, पुलिस, अर्धसैनिक बलों को भी दिया जाता है. इसका उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या अधिकारी को उनके विशेष योगदान, समर्पण, अथक प्रयास और प्रेरक सेवाओं के लिए सम्मानित करना होता है. विशेषकर यह कार्ड सीमावर्ती जिलों या संवेदनशील इलाकों में तैनात अधिकारियों को मिलता है. वहां सेना और प्रशासन का समन्वय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. यदि कोई अधिकारी सेना की गतिविधियों, शांति व्यवस्था, राहत कार्य या नागरिक-सैनिक सहयोग में अहम भूमिका निभाता है, तो सेना उसे यह कार्ड देकर सम्मानित करती है.
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