Dhanbad News : ‘अगर मैं नौकरी नहीं करूंगी तो मेरी मां मेरा बाल विवाह करवा देगी. मैं कुछ ही महीनों में 18 वर्ष की हो जाऊंगी. मैं 12वीं पास हूं और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त किया है. मेरे पिता नहीं हैं और मां किसी तरह घर चलाती हैं. कृपया मुझे नौकरी के लिए जाने दीजिए’, यह मार्मिक अपील शुक्रवार रात धनबाद रेलवे स्टेशन से रेस्क्यू की गयी आठ युवतियों में से एक आदिवासी युवती ने शनिवार को बाल संरक्षण समिति के समक्ष काउंसलिंग के दौरान की. युवती बोकारो की रहने वाली है और बोकारो उपायुक्त से मिलना चाहती है. उसने बताया कि उसके परिवार को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है, इसलिए नौकरी ही उसका एकमात्र सहारा है.
सभी युवतियों ने चंद्रपुरा के अलारगो गांव में लिया है प्रशिक्षण :
इन सभी युवतियों ने चंद्रपुरा के अलारगो गांव स्थित विजनरी स्किल सेंटर से सिलाई का प्रशिक्षण लिया है. इनमें से चार युवतियां आदिवासी समुदाय से हैं. राज्य की पूर्व मंत्री और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष बेबी देवी भी इसी गांव की निवासी हैं. ये सभी युवतियां सुमित कुमार, पीरटांड़ की बेबी कुमारी और तोपचांची की अंजनी देवी के साथ तमिलनाडु नौकरी करने के लिए जा रही थीं. इस दल में कुल 18 युवतियां थीं, जिनमें से 10 ने खुद को बालिग साबित कर आगे की यात्रा जारी रखी. काउंसलिंग के दौरान युवतियों के दस्तावेजों की जांच की गयी. एक युवती ने 2003 का मैट्रिक का प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया. सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी के अनुसार, ये सभी युवतियां बोकारो और गिरिडीह के विभिन्न क्षेत्रों से हैं. उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि की सामाजिक जांच के लिए संबंधित विभाग को सूचित किया गया है.धनबाद में बाल तस्करी का खुलासा :
धनबाद रेलवे स्टेशन पर एक बड़ी कार्रवाई में आरपीएफ ने बाल तस्करी के मामले का पर्दाफाश किया है. इस मामले में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जो 8 नाबालिग लड़कियों को तिरुप्पुर, तमिलनाडु ले जा रहे थे. गिरफ्तार तस्करों में सुमित कुमार, बेबी देवी और अंजनी कुमारी शामिल है. ये तस्कर इन लड़कियों को तिरुप्पुर में नौकरी दिलाने के नाम पर ले जा रहे थे.आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा :
इन नाबालिग लड़कियों के आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा कर उनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक दिखाई गई थी. जब इन लड़कियों का आधार सेवा केंद्र में सत्यापन किया गया, तो उनकी उम्र 18 वर्ष से कम पाई गई. इन नाबालिग लड़कियों को चाइल्ड हेल्प डेस्क धनबाद को सुपुर्द कर दिया गया है, जबकि 18 वर्ष से अधिक उम्र की 9 महिलाओं को एनजीओ के सेंटर मैनेजर को सुपुर्द किया गया है. साथ ही मामले में आगे की जांच जारी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है