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Dhanbad News : धनबाद शहरी क्षेत्र में दो साल में 20 फीट गिरा भू-गर्भ जलस्तर

सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट 2024... क्रिटिकल जोन में पहुंचा धनबाद जिला, 12 में आठ महीने सूखे रहते हैं कुएं

धनबाद जिले में भू-गर्भीय जलस्तर में गिरावट की समस्या लगातार गंभीर बनती जा रही है. शहरी क्षेत्र में स्थिति क्रिटिकल स्तर तक पहुंच चुकी है. सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) ने अपनी 2024 की रिपोर्ट में इस पर चिंता व्यक्त की है. सीजीडब्ल्यूसी की इस रिपोर्ट के अनुसार, धनबाद शहरी क्षेत्र में कुल जल आवश्यकताओं का 73.34 प्रतिशत भू-गर्भ जल-स्रोत से ही पूरा किया जा रहा है. परिणामस्वरूप भू-गर्भ जल भंडार अत्यधिक दोहन के कारण भारी दबाव में हैं. इस वजह से शहर के अधिकांश कुएं साल में सात से आठ महीने सूखे रहते हैं. गर्मियों में हैंडपंप (चापाकल) भी सूख जाते हैं, जिससे नागरिकों को भारी जलसंकट का सामना करना पड़ता है. धनबाद शहर में तेजी से बढ़ते अपार्टमेंट कल्चर के कारण डीप बोरिंग की गहराई एक हजार फीट से अधिक तक पहुंचने लगी है. पहले जहां भू-गर्भ जल 10 से 20 फीट की गहराई पर उपलब्ध था, अब मार्च तक यह 50 फीट से नीचे चला जाता है और जून तक 70 फीट से भी अधिक गहराई में पहुंच जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, धनबाद प्रखंड में 2022 से 2023 के बीच भू-गर्भ जलस्तर 50.2 फीट से गिरकर 63.632 फीट हो गया था. 2024 तक यह गिरावट 70 फीट के करीब पहुंच गयी.

बाघमारा प्रखंड के जलस्तर में 14.104 फीट की गिरावट :

धनबाद जिले में केवल धनबाद सदर प्रखंड ही अकेले इस समस्या से नहीं जूझ रहा है. अन्य प्रखंडों में भी भू-गर्भ जल स्तर में भारी गिरावट देखी गयी है. बाघमारा प्रखंड में जलस्तर 32.308 फीट से गिरकर 46.412 फीट हो गया है. यानी जलस्तर में 14.104 फीट की गिरावट आयी है. बलियापुर प्रखंड में भू-जल स्तर 48 फीट तक पहुंच गया है. अन्य प्रखंडों में भी भू-गर्भ जलस्तर में गिरावट दर्ज की गयी है. हालांकि इन्हें अभी सामान्य श्रेणी में रखा गया है.

अनियंत्रित शहरीकरण और खनन गतिविधियां प्रमुख रूप से जिम्मेदार :

धनबाद में भू-जल स्तर में गिरावट के पीछे अत्यधिक दोहन और कोयला खनन गतिविधियां प्रमुख कारण हैं. अत्यधिक दोहन के लिए अनियंत्रित शहरीकरण को इस समस्या के लिए जिम्मेदार माना गया है, जबकि धनबाद शहरी क्षेत्र के बाहर खनन गतिविधि को इसके लिए जिम्मेदार माना गया है. इसके साथ ही धनबाद में जल संरक्षण के उपायों में कमी को जिम्मेदार ठहराया गया है. औद्योगिक शहर होने के बावजूद धनबाद में जल संरक्षण के प्रयास सीमित हैं, जिससे भू-गर्भीय जल-स्रोत में तेजी से गिरावट देखी जा रही है.

धनबाद में जल संरक्षण के प्रयास सीमित :

आइआइटी आइएसएम धनबाद में पिछले दिनों आयोजित अर्बन वाटर्स फोरम 2025 में धनबाद नगर निगम द्वारा जल संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी नगर आयुक्त रविराज शर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि धनबाद में बड़े पैमाने पर वर्षा जल संग्रहण योजनाएं लागू की जा रही हैं. प्रत्येक हाउसिंग सोसाइटी और अपार्टमेंट में वर्षा जल संचयन का प्रोजेक्ट होना अनिवार्य कर दिया गया है. नागरिकों को जलसंकट की गंभीरता और जल संरक्षण के उपायों के प्रति जागरूक किया जा रहा है. पानी की बर्बादी रोकनी जरूरी है.

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Prabhat Khabar News Desk
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