Dhanbad News: सिंदरी के शहरपुरा के मीरा मोहन धाम में नवनिर्मित राधा कृष्ण मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान पर आयोजित श्रीश्री 108 नारायण महायज्ञ में मध्य प्रदेश के रीवा की सत्संग प्रवक्ता डाॅ अमृता कर्णेश्वरी ने रविवार को प्रवचन में विदुर चरित्र, भक्त ध्रुव की कथा, प्रह्लाद का प्रसंग सुनाया. डाॅ अमृता ने कहा कि बच्चों में बाल्यकाल से ही धर्म और अध्यात्म का ज्ञान देना चाहिए. माता-पिता की सेवा करना और तंबाकू-शराब के व्यवसन से दूर रहने का ज्ञान देना चाहिए. इससे बच्चे आगे चलकर चरित्रवान और संस्कारवान बन सके.
भगवान श्रीकृष्ण विदुर की कुटिया में केले के छिलके का भोग स्वीकार किया.
उन्होंने कहा कि अगर ध्रुव पांच वर्ष की उम्र में भगवान को प्राप्त कर सकता है, तो हम कैसे पिछड़ सकते हैं. विदुर प्रसंग में भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम की व्याकुलता के बारे में उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण विदुर जी की कुटिया में भोजन करने गये. वहां केले के छिलकों का भोग स्वीकार किया. इससे पहले वे दुर्योधन के महल से छप्पन भोग का त्याग कर आये थे. विदूर और विदूरानी ने भगवान को प्रेम से भोजन करवाया, तो उन्होंने केले के छिलके भी प्रेम से खा लिये. मौके पर आयोजक गौरव वक्ष उर्फ लक्की सिंह, इंद्रमोहन सिंह, रवि शर्मा, विमल सिंह, गुड्डू कुमार, गौरव हालदार, पंकज कुमार, अमर कुमार, बसंत कुमार आदि थे.
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