Dhanbad News : सिजुआ. धनबाद नगर निगम के वार्ड छह की भेलाटांड़ बस्ती में डायरिया के प्रकोप ने विकराल रूप ले लिया है. इस बीमारी से एक चार वर्षीय बच्चे अमित कुमार की मौत भी हो गयी है. जबकि बीमारी से अब तक ग्रसित पांच दर्जन से अधिक लोगों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है. मंगलवार को बस्ती में जैसे ही डायरिया फैलने की खबर जिला प्रशासन तक पहुंची, जिला और बाघमारा की स्वास्थ्य विभाग की टीमें तुरंत हरकत में आयीं और प्रभावित क्षेत्र में कैंप लगाकर बीमार लोगों का इलाज शुरू कर दिया गया है.
दूषित जल के सेवन से बीमारी फैलने की संभावना :
चिकित्सकों के अनुसार, बस्ती में गंदगी और दूषित पानी का सेवन इस बीमारी के फैलने की वजह हो सकती है. इधर, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए टाटा स्टील कंपनी की टीएसएफ (टाटा स्टील फाउंडेशन) की पूरी टीम की और से भी बस्ती में कैंप लगाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा है. साथ ही दवा भी उपलब्ध करायी जा रही है. टीम की ओर से बस्ती के कुएं में ब्लिचिंग पाउडर व अन्य केमिकल का गोल पानी को शुद्ध करने के लिए डाला गया है. जिला स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था और जागरूकता अभियान शुरू करने का निर्देश दिया है.जांच टीम में शामिल चिकित्सक व अन्य :
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बाघमारा चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रीनाथ, डॉ अमृत त्रिगुणायत, डॉ शेखर चंद्र, डॉ सुधीर, डॉ ग़ालिब हुसैन, बीपीएम भवेशचंद्र प्रसाद, सीएचओ बुलबुल कुमारी, कलामुद्दीन अंसारी, एएनएम जाविक सिन्हा, पुष्पा कुमारी, एफटीसी शेखर सुधाकर, एएचएफ लक्ष्मी कुमारी, विक्रम कुमार, उपासना देवी, प्रियंका कुमारी, दिलीप कुमार आदि बस्ती पहुंचे और डायरिया पीड़ितों की जांच की और निःशुल्क दवा दी. टुंडी विधायक की सूचना पर रेस हुआ स्वास्थ्य महकमाभेलाटांड़ बस्ती में दर्जनों लोगों के डायरिया की चपेट में आने की मंगलवार को सूचना मिलते ही टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने तत्काल सिविल सर्जन को फोन कर स्थिति से अवगत कराया और स्वास्थ्य विभाग की टीम को बस्ती में भेजने का निर्देश दिया. लगभग दो हजार की आबादी वाली भेलाटांड़ बस्ती में कई कुएं हैं, लेकिन इनमें साल भर पानी नहीं रहता. टाटा स्टील की ओर से समय-समय पर टैंकर से जलापूर्ति की जाती है. साथ ही, नगर निगम भी पाइपलाइन के जरिए जलापूर्ति कराता है.
बस्ती के घरों में नहीं जला चूल्हा :
दर्जनों लोगों के बीमार पड़ने और एक बच्चे की मौत हो जाने से भेलाटांड़ बस्ती के कई घरों में मंगलवार को चूल्हा तक नहीं जला. पूरे इलाके में दहशत का माहौल है. लोग घरों से बाहर निकलने में भी कतरा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीजों का इलाज शुरू कर दिया है.बीमारी के लक्षणों में बुखार, उल्टी और कमजोरी शामिल हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने प्रभावित लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं और जल्द ही स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है. प्रशासन ने लोगों से शांति बनाये रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

