विभाग का कहना है कि धैया के ठाकुरकुल्ही स्थित वन विभाग की छह हेक्टेयर जमीन पर कुछ अवैध धंधेबाजों ने कब्जा जमा लिया था. इसकी जानकारी होने के बाद वन विभाग की टीम जमीन पर पहुंची. बाद में वन विभाग के अधिकारियों ने एसडीओ से शिकायत करते हुए जमीन को कब्जा मुक्त करने का आवेदन किया. इसपर एसडीओ के निर्देश पर मैजिस्ट्रेट की नियुक्ति व पुलिस बल की तैनाती में जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया. मैजेस्ट्रेट के रूप में धनबाद सीओ आरपी कुमार के अलावा वन विभाग के एसीएफ अजय मंजूल, धनबाद रेंजर आरके सिंह समेत अन्य मौजूद थे.
दो दिन पहले किया था कब्जा
वन विभाग के धनबाद रेंजर आरके सिंह ने बताया कि दो दिन पहले धैया के ठाकुरकुल्ही स्थित प्लाट संख्या 503 पर अवैध धंधेबाजों द्वारा कब्जा करने की जानकारी मिली थी. जांच करने पर पाया गया कि अवैध धंधेबाजों ने वन विभाग की उक्त जमीन पर टेंपररी बाउंड्रीवॉल खड़ी कर दी है. बताया कि समांता घोष नामक युवक उक्त जमीन पर अपना हक जमा रहा था. उससे जमीन संबंधित दस्तावेज की मांग करने पर पहले तो फरार हो गया. वही गुरुवार को जमीन को कब्जा मुक्त कराने पहुंची टीम के साथ वह उलझ गया. इसके बाद वन विभाग की ओर से उसके खिलाफ की गयी शिकायत के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.डीएफओ के इशारे रंगदारी मांग रहे हैं वन विभाग के कर्मी : विजय
मामले में दूसरे पक्ष ने भी धनबाद थाना में शिकायत दर्ज करायी है. दूसरे पक्ष के विनोद नगर त्रिमूर्ति निवासी विजय कुमार मिश्रा ने आवेदन में कहा कि गुरुवार को उनका मित्र सुमंतो घोषण ठाकुरकुल्ही स्थित उनकी जमीन पर बाउंड्रीवॉल निर्माण का कार्य करवा रहा था. इसी दौरान धनबाद सीओ के सामने जेसीबी के जरिए बाउंड्रीवॉल को तोड़ दी गयी. वही उनके मित्र सुमंतो घोष को पुलिस पकड़ कर साथ ले गयी. शिकायत में आरोप लगाया कि डीएफओ के इशारे वन विभाग के कर्मी 20 लाख रुपये की रंगदारी की मांग कर रहे थे. नहीं देने पर जमीन अपनी बताकर कार्रवाई की गयी है. जबकि, जमीन संबंधित सभी दस्तावेज उनके पास उपलब्ध हैं. कहा कि शुरुआत से ही वन विभाग के लोग जमीन के एवज में रंगदारी की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर सुमंतो घोष ने वन विभाग के गौतम दास, सुभाष दास, यमुना बर्मन व महावीर गोराई पर केस किया है. बताया कि गुरुवार को उन्हें सीओ के समक्ष उनकी जमीन पर किए जा रहे कार्रवाई की जानकारी मिली. इसके बाद उन्होंने डीएफओ को उनके मोबाइल नंबर पर फोन लगाया. डीएफओ ने मामले को लेकर अनभिज्ञता जतायी.
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