Dhanbad News: आइआइटी आइएसएम और विज्ञान भारती के सहयोग से शनिवार को एसटीइएम विस : शेपिंग विजनरी लीडरशिप इन एसटीइएम एजुकेशन कार्यक्रम का आयोजन शनिवार किया गया. यह विशेष पहल स्कूल प्रिंसिपलों को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप एसटीइएम शिक्षा से जोड़ने और बच्चों को कोडिंग, अनुसंधान तथा इक्कीसवीं सदी की कौशल से परिचित कराने के उद्देश्य से आयोजित की गयी. इस कार्यक्रम का मूल लक्ष्य छात्रों में जिज्ञासा, आलोचनात्मक सोच और व्यावहारिक सीखने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करना है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अवधारणा पर आधारित इस प्रयास में झारखंड के 66 स्कूलों के प्रिंसिपल और प्रत्येक स्कूल से एक-एक वरिष्ठ शिक्षक ने पंजीकरण कराया. इससे स्पष्ट है कि शिक्षा जगत में एसटीइएम शिक्षा की दिशा में गंभीर पहल हो रही है. दीप प्रज्वलन और स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई.
इनकी रही
भागीदार
ीमौके पर प्रो पार्थसारथी दास (डीन, अनुसंधान एवं विकास), प्रो धीरज कुमार (उप निदेशक एवं उपाध्यक्ष, विज्ञान भारती), प्रो एमके सिंह (डीन, शैक्षणिक), प्रो केका ओझा (समन्वयक, सतत शिक्षा कार्यक्रम) और प्रो एसके गुप्ता (डीन, छात्र कल्याण) ने अपने विचार रखे. आइआइटी आइएसएम के निदेशक एवं विज्ञान भारती के अध्यक्ष प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा ने ऑनलाइन संदेश देकर एसटीइएम शिक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. कोलकाता स्थित वैरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन सेंटर से डॉ जजाती केशरी नायक ने विज्ञान भारती की गतिविधियों और दृष्टिकोण पर सारगर्भित चर्चा की. संचालन प्रो मधुलिका गुप्ता, विभाग रसायन ने किया.
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