शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में आठ बेड की ट्रॉमा आइसीयू शुरू हो गयी है. यह ट्रॉमा आइसीयू इमरजेंसी विभाग में पहले से संचालित सर्जिकल आइसीयू (एसआइसीयू) के एक विंग को विकसित कर बनायी गयी है. इसमें वेंटिलेटर समेत अन्य उपकरण लगाये गये हैं. यहां सड़क दुर्घटना, गिरने व अन्य हादसों में गंभीर रूप से चोटिल मरीजों को तुरंत बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जायेगी. हाल ही में उच्च न्यायालय ने सभी मेडिकल कॉलेजों में ट्रॉमा सेंटर की अनुपलब्धता पर चिंता जतायी थी. हाइकोर्ट के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) के माध्यम से सभी मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर की उपलब्धता को लेकर सर्वे शुरू किया गया था. कुछ दिन पूर्व डालसा की टीम ने एसएनएमएमसीएच का निरीक्षण कर ट्रॉमा मरीजों के लिए समर्पित आइसीयू की आवश्यकता को रेखांकित किया था. इसके बाद प्रबंधन ने त्वरित कार्यवाही कर एसआइसीयू के एक हिस्से को ट्रॉमा आइसीयू के रूप में विकसित किया.
गंभीर मरीजों की हो सकेगी निगरानी
नयी ट्रॉमा आइसीयू में वेंटिलेटर, मल्टीपैरामीटर मॉनिटर, ऑक्सीजन सपोर्ट, सक्शन मशीन, इन्फ्यूजन पंप समेत अन्य आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं. यहां गंभीर रूप से घायल मरीजों की लगातार निगरानी की सुविधा होगी. ट्रॉमा आइसीयू शुरू होने से जिले और आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को काफी लाभ मिलेगा. अब सड़क दुर्घटना व अन्य गंभीर हादसों में घायल मरीजों को बाहर रेफर करने की जरूरत कम होगी. एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक डॉ डीके गिंदौरिया ने कहा कि ट्रॉमा आइसीयू एक महत्वपूर्ण शुरुआत है. भविष्य में इसे पूर्ण ट्रॉमा सेंटर के रूप में विकसित करने की दिशा में भी प्रयास किये जायेंगे.
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