Dhanbad News: मैथन डैम के 10 किमी की परिधि में आने वाले प्रभावित गांवों को मिलेगा योजनाओं का लाभDhanbad News:
अरिंदम चक्रवर्ती, निरसा
डीवीसी प्रबंधन ने अपने स्थापना काल के बाद 60 साल बाद मैथन परियोजना से प्रभावित जामताड़ा जिले के एक दर्जन से अधिक गांवों को अपने सीएसआर योजना के तहत शामिल किया है. इससे इन प्रभावित गांवों का सीएसआर योजना के तहत विकास कार्य होगा. विभिन्न संगठन एवं जनप्रतिनिधियों के लगातार प्रयास के बाद डीवीसी मुख्यालय कोलकाता ने आदेश पारित किया है. इसको लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा, चंपई सोरेन, हेमंत सोरेन ने डीवीसी प्रबंधन को पत्राचार किया था. इस पर पहल करते हुए प्रबंधन ने गांवों को सीएसआर योजना के तहत शामिल किया है.इन गांवों को किया गया है शामिल
जामताड़ा जिले के तालबेड़िया, लाघना, धानजोरी, गोवाकोला, कुशियारा, मुर्गाटोना, केलाही, शिवलीबाड़ी, बांधडीह, भुइंयाडीह, काशीकुली, तैतूलडांगा, पहारगोड़ा, भूसकाडीह, महतनर, मरांडीकुली, रांगाडीह, डुमरीपाड़ा, गाड़ीपाड़ा, हांसीपहाड़ी को सीएसआर योजना में शामिल किया गया है.
मंत्री, सांसद व विधायक को समिति ने दी बधाई
दामोदर घाटी विस्थापित एवं स्थानीय समन्वय समिति के महामंत्री उत्पल चक्रवर्ती सहित अन्य सदस्यों ने कहा कि लगातार संघर्ष के बाद डीवीसी मैथन ने जामताड़ा जिले के प्रभावित गांवों का सीएसआर के तहत योजनाएं लागू करने पर सहमति जतायी है. डीवीसी मैथन परियोजना के 10 किमी की दायरे में आने वाले गांवों का कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत विकास का काम किया जायेगा. श्री चक्रवर्ती जामताड़ा जिले के अधिकारियों, सांसद ढुलू महतो, मंत्री डा इरफान अंसारी, मोहम्मद कुद्दुस अंसारी को बधाई दी है.
जामताड़ा के विधायक ने विस में उठाया था मामला
जामताड़ा के समाजसेवी मो कुद्दूस अंसारी के अनुरोध पर जामताड़ा के विधायक डॉ इरफान अंसारी ने 17 मार्च 23 को विधानसभा में यह मामला उठाया था. जवाब में डीवीसी मैथन के अधिकारियों ने प्रभावित गांवों में सीएसआर नीति को लागू करने के लिए सहमति जतायी. जामताड़ा प्रशासन ने एक वर्ष पूर्व मैथन प्रबंधन को आवश्यक दस्तावेज सौंपा था. समिति के महासचिव उत्पल चक्रवर्ती ने लगातार इस मामले को आगे बढ़ाया. डीवीसी के अध्यक्ष, केन्द्रीय उर्जा सचिव, मुख्यमंत्री, झारखंड, महामहिम राज्यपाल, झारखंड, जामताड़ा के उपायुक्त, के साथ नियमित रूप से पत्राचार किया और यहां तक की पीएमओ पोर्टल पर शिकायत भी दर्ज करवाया. जामताड़ा के उपायुक्त के सीधे हस्तक्षेप के कारण डीवीसी मैथन ने अब अपना दृष्टिकोण बदल दिया है और चालू वित्तीय वर्ष में जामताड़ा में अपनी सीएसआर पहल शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है.
ग्राम विकास सलाहकार समिति का गठन
डीवीसी मैथन ने पीएमओ पोर्टल पर उत्पल चक्रवर्त्ती की शिकायत पर जवाब में पुष्टि करते हुए कहा कि स्थानीय प्रशासन के परामर्श से परियोजना मुख्यालय के 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों की पहचान की गयी. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जामताड़ा ने ग्राम विकास सलाहकार समिति (वीडीएसी) के गठन की पहल की. वार्षिक योजना के अनुसार इन गांवों में सीएसआर गतिविधियों को लागू किया जायेगा. जामताड़ा उपायुक्त के पत्र के अनुसार प्रारंभिक गतिविधियों के लिए बजट और योजना को लागू करने के लिए अंतिम रूप दिया जा रहा है.
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