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Dhanbad News: चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की निगरानी होगी सख्त

धनबाद जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और चिकित्सकों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए जिला प्रशासन ने निगरानी की व्यवस्था कड़ी कर दी है.

उपायुक्त ने जिले के 186 स्वास्थ्य केंद्रों में बायोमीट्रिक सिस्टम लगाने का दिया निर्देशकल से सदर अस्पताल के ओपीडी के चिकित्सकों को तीन बार बनानी होगी हाजिरी

धनबाद.

धनबाद जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और चिकित्सकों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए जिला प्रशासन ने निगरानी की व्यवस्था कड़ी कर दी है. उपायुक्त आदित्य रंजन के निर्देश पर अब जिले के सभी चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की निगरानी की जायेगी. इसके लिए बायोमीट्रिक मशीन, वीडियो कॉल से जांच और परफॉर्मेंस रिपोर्टिंग जैसे कई नियम लागू किये जायेंगे. उपायुक्त के निर्देश पर कई नियम एक नवंबर से लागू हो जायेंगे. पिछले दिनों उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य समिति की बैठक में तय किया गया है कि जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), अर्बन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (यूसीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), अर्बन प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) और आरोग्य आयुष्मान मंदिरों में बायोमीट्रिक उपस्थिति सिस्टम लगाया जायेगा. कुल 186 स्वास्थ्य केंद्रों में इस तकनीक को लागू करने का निर्णय लिया गया है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी अपने ड्यूटी में समय पर उपस्थित रहे और लोगों को समय पर उपचार मिले.

वीडियो कॉलिंग कर की जायेगी निगरानी

उपायुक्त के निर्देश पर वीडियो कॉल सेल के गठन का पहले ही आदेश हो चुका है. इस व्यवस्था के तहत स्वास्थ्य विभाग के नियुक्त एक अधिकारी रैंडम आधार पर वीडियो कॉल के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करेंगे. वह कॉल कर चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति की रियल-टाइम की जांच करेंगे. यदि किसी स्वास्थ्य केंद्र पर अनुपस्थिति या लापरवाही पायी गयी, तो संबंधित अधिकारी और चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

सदर अस्पताल के चिकित्सक एक से तीन बार दर्ज करेंगे उपस्थिति

सदर अस्पताल में एक नवंबर से सभी ओपीडी चिकित्सकों को दिन में तीन बार बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करानी होगी. पहली उपस्थिति सुबह नौ बजे, दूसरी दोपहर एक बजे तथा तीसरी शाम पांच बजे दर्ज करनी होगी. यह व्यवस्था इसलिए की गयी है ताकि चिकित्सक अस्पताल में मौजूद रहे और मरीजों की सेवा में कोई बाधा नहीं आये. अगर कोई चिकित्सक निर्धारित समय पर उपस्थिति दर्ज नहीं करता है, तो उनका वेतन रोका जायेगा.

परफॉर्मेंस रिपोर्ट के आधार पर मिलेगा वेतन

जिला प्रशासन ने अब चिकित्सकों की कार्यकुशलता का मूल्यांकन भी तय किया है. नवंबर से सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों को अपनी मासिक परफॉर्मेंस रिपोर्ट सिविल सर्जन के माध्यम से उपायुक्त को सौंपनी होगी. रिपोर्ट में चिकित्सकों को यह विवरण देना होगा कि उन्होंने माह में कितने मरीजों को ओपीडी में देखा. इंडोर वार्ड में कितने मरीजों का इलाज किया, कितने ऑपरेशन किये और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित गतिविधियों में उनकी भागीदारी रही. रिपोर्ट की समीक्षा उपायुक्त स्तर पर की ाजायेगी. जिन चिकित्सकों का प्रदर्शन असंतोषजनक पाया जायेगा. उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी.

जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दिलाना उद्देश्य

उपायुक्त आदित्य रंजन ने पिछले दिनों हुई स्वास्थ्य समिति की बैठक में यह स्पष्ट किया कि इस पूरी व्यवस्था का उद्देश्य चिकित्सकों पर दबाव बनाना नहीं, बल्कि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है. जिले के कई ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की अनुपस्थिति की शिकायतें लगातार मिल रही थीं. अब बायोमीट्रिक और वीडियो कॉलिंग निगरानी व्यवस्था लागू होने से इस पर अंकुश लगेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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