Dhanbad Doctors, धनबाद, (विक्की प्रसाद): धनबाद खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) मद से सदर अस्पताल में बहाल चिकित्सकों की सेवा अक्तूबर माह के बाद समाप्त हो जायेगी. नवंबर माह से ऐसे चिकित्सकों को मासिक वेतन नहीं मिलेगा. विशेषज्ञ चिकित्सकों को प्रति मरीज के हिसाब से राशि मिलेगी. उपायुक्त आदित्य रंजन की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया . बैठक में यह तय हुआ कि अक्तूबर माह तक डीएमएफटी मद से इन चिकित्सकों को वेतन का भुगतान किया जायेगा. उसके बाद चिकित्सकों की सेवा समाप्त मानी जायेगी.
चिकित्सकों के वेतन के लिए मुहैया करायी गयी राशि लौटाने का निर्देश
धनबाद के उपायुक्त ने चिकित्सकों के वेतन के लिए डीएमएफटी मद से मुहैया करायी गयी राशि लौटाने का निर्देश सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा को दिया है. हालांकि, जिले में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को देखते हुए उपायुक्त ने इन चिकित्सकों को पूरी तरह से बाहर नहीं करने का निर्देश दिया है. उपायुक्त ने कहा कि इन चिकित्सकों को आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना से जोड़ा जाए और उन्हें सदर अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक सूची (इंपैनल्ड डॉक्टर) में शामिल किया जाये. इससे वे आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का इलाज व ऑपरेशन कर सकेंगे.
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वेतन की बजाय प्रति मरीज भुगतान की होगी व्यवस्था
अब तक डीएमएफटी मद से बहाल चिकित्सकों को नियमित वेतन भुगतान किया जाता था. नयी व्यवस्था के तहत अब उन्हें ओपीडी या ऑपरेशन करने पर प्रति मरीज के आधार पर भुगतान किया जायेगा. यानी जितने अधिक मरीजों का इलाज या ऑपरेशन करेंगे, उतनी ही उनकी आय होगी. यह व्यवस्था सरकारी खर्च में कमी लाने के साथ-साथ चिकित्सकों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करेगी.
डीएमएफटी से बहाल हैं 11 चिकित्सक
धनबाद सदर अस्पताल में डीएमएफटी मद से कुल 11 चिकित्सक कार्यरत हैं. इनमें विभिन्न विभागों मेडिसिन, सर्जरी, गायनी, एनेस्थीसिया, ऑर्थो के विशेषज्ञ शामिल हैं. इन चिकित्सकों की बहाली जिले में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए की गयी थी. अब डीएमएफटी फंड के सीमित संसाधन और वित्तीय दबाव को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि उनकी सेवा आयुष्मान योजना से जोड़ी जाये.
निर्देश के बाद दो चिकित्सकों ने दिया इस्तीफा, अन्य कर रहे हटने की तैयारी
डीएमएफटी मद से बहाल चिकित्सकों की सेवा समाप्त करने संबंधित निर्देश मिलने के बाद दो चिकित्सकों ने इस्तीफा दे दिया है. इनमें पेडियाट्रिशियन डॉ राजेंद्र कुमार व मेडिकल ऑफिसर डॉ पीपी पांडेय शामिल हैं. वहीं अन्य चिकित्सक भी रिजाइन करने की तैयारी में हैं. ज्ञात हो कि डीएमएफटी मद से विशेषज्ञ चिकित्सकों को प्रति माह 1.50 लाख रुपये और मेडिकल ऑफिसर को 70 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है.
डीएमएफटी मद का उपयोग अब इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार में
बैठक में निर्णय लिया गया कि भविष्य में डीएमएफटी फंड का उपयोग अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरणों की खरीद, वार्ड विस्तार और सेवाओं के आधुनिकीकरण में किया जायेगा. इससे जिले के सरकारी अस्पतालों की स्थिति और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
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