धनबाद के एसएनएमएमसीएच में 13 वर्षीया बच्ची के बच्चा जनने का मामला सामने आने के बाद गुरुवार को सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) की टीम अस्पताल के गायनी विभाग पहुंची और बच्ची व उसके परिजन से पूरे मामले की जानकारी ली. टीम में सीडब्ल्यूसी की सदस्य ममता अरोड़ा, जिला बाल संरक्षण इकाई की पीओ एनआइसी प्रीति कुमारी व सामाजिक कार्यकर्ता अनिता कुमारी शामिल थीं. पीड़िता व परिजन से पूछताछ करने के बाद टीम ने एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक, गायनी विभाग के चिकित्सकों से बच्ची के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. पदाधिकारी व सदस्य सरायढेला थाना भी पहुंचीं और प्रभारी नूतन मोदी से मिलकर कानूनी कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया. शुक्रवार को सरायढेला पुलिस बच्ची का बयान दर्ज कर सकती है. बयान के बाद मामला गिरिडीह पुलिस व सीडब्ल्यूसी के हवाले कर दिया जायेगा.
डुमरी थाना क्षेत्र का रहनेवाला है परिवार :
जब टीम की पदाधिकारी व सदस्य अस्पताल पहुंचीं, तो पीड़ित बच्ची के पिता ने बात करने से साफ मना कर दिया. हालांकि सदस्यों के समझाने पर पिता ने बच्ची के साथ हुई घटना की विस्तृत जानकारी दी. पीड़ित बच्ची ने सीडब्ल्यूसी की सदस्य व टीम को अपने साथ हुई घटना के बारे में जानकारी दी. बताते चलें कि गिरिडीह के डुमरी थाना क्षेत्र के बरवाटांड़ निवासी 18 वर्षीय सुभाष सिंह पिता मेघलाल सिंह ने पीड़ित बच्ची का यौन शोषण किया. बच्ची गर्भवती हो गयी. उसने डर से घर में किसी को इस बारे में नहीं बताया. परिजन को कुछ माह पहले पता चला कि उनकी बेटी गर्भवती है. तब तक देरी हो चुकी थी. गर्भपात कराने से बच्ची की जान पर खतरा बन सकता था. अपमान व बेटी की जिंदगी को देखते हुए परिजन ने उसे घर में छिपा कर रखा. मंगलवार की रात जब बच्ची को प्रसव पीड़ा हुई, तो उसे डुमरी के एक अस्पताल में ले गये. वहां डॉक्टर ने बच्ची की उम्र और स्थिति देखकर धनबाद रेफर कर दिया. बुधवार की सुबह बच्ची ने एसएनएमएमसीएच के गायनी विभाग में बच्चे को जन्म दिया. अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना सरायढेला पुलिस को दी. सरायढेला थाना प्रभारी नूतन मोदी ने वरीय अधिकारियों और बाल कल्याण समिति को पूरी जानकारी उपलब्ध करायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

