धनबाद, सत्या राज : कोयलांचल का धनबाद बहुत ही खूबसूरत शहर है. मैं यहां छह साल पहले भी आया था. आता रहता हूं. इस शहर से मुझे प्यार और लगाव है. मेरे पिता रेलवे में कार्यरत थे. बचपन में मां को सिगड़ी में कोयले से खाना पकाते देखा करता था. यही वजह है कोयले की राजधानी से बचपन से प्यार है. धनबाद नाम से धन भी जुड़ा है, यह अमीरों की नगरी है. यहां के वाशिंदे कर्मवीर होने के साथ दिल से भी अमीर हैं. यह कहना है कॉमेडी किंग सुनील पाल का. वह गुरुवार को लाफ्टर शो से पहले सोनोटेल होटल में प्रभात खबर से विशेष बात चीत कर रहे थे. उन्होंने कहा प्रभात खबर का धन्यवाद जिसने इस कोयला नगरी में मुझे बुलाया. उन्होंने बताया : बचपन में मां मुझे ब्लैक डायमंड कहती थी, और देखिए आज मैं कार्यक्रम के लिए ब्लैक डायमंड सिटी में आ गया. ऐसा लग रहा है जैसे अपनी जन्म भूमि पर आया हूं.
फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर के बारे में पूछने पर कहा कि मैंने यह फिल्म देखी है. इसमें धनबाद को बदनाम करने की कोशिश की गयी है. इसके कैरेक्टर को उग्र, लापरवाह दिखाया गया है. लेकिन प्रेक्टिकल में धनबाद ऐसा नहीं है. मैं यहां जब भी आया हूं सुकून ही मिला. यहां के लोग सतरंगी हैं, तभी तो होली में होली का रंग बिखरने के लिए बुलाया है. एक सवाल के जवाब में कहा : आजकल लोग छोटी बातों से भी अवसाद में आ जाते हैं. हमारे शो के जरिये जब लोग ठहाके लगाते हैं, हंसते हैं तो लगता है जीवन सार्थक है. दर्शकों से हमारी हस्ती है, वो हंसते हैं, तो हमारे घर बसते हैं, नहीं तो हम कलाकार बहुत सस्ते हैं.
जॉनी लीवर को मानते हैं महागुरु
अभी तक देश व विदेश में लगभग तीन हजार शो कर चुके सुनील पाल बताते हैं कि वह फिल्म इंडस्ट्री के कॉमेडियन जॉनी लीवर को अपना आदर्श व महागुरु मानते हैं. कपिल शर्मा, लालू प्रसाद यादव व राहुल गांधी से भी प्रेरित हैं. चंद्रपुर (महाराष्ट्र) में इनका बचपन बीता. जब छठी कक्षा में थे, तब जीवन का पहला कार्यक्रम दिया. इनाम में स्टील का कटोरा मिला था. 1995 में मुंबई आ गये. शाहरुख खान, सोनू निगम, सलमान खान के साथ काम किया. आमिर खान के साथ लगान फिल्म को लेकर वल्ड टूर किया. 2005 में लॉफ्टर चैनल में आना जीवन का टर्निंग प्वाइंट मानते हैं. मार्च में सुनील की अगली फिल्म ''गाली-ग्लौज'' आने वाली है. यह कॉमेडी फिल्म है. इसमें डबल मिमिक्री कटाक्ष हैं.
पहले भी आ चुका हूं धनबाद, यहां कला की होती है कद्र : राजा रेंचो
धनबाद जाना-पहचाना शहर है. 2008 में भी यहां शो करने आया था. शांत व खूबसूरत शहर है. कोयलांचल में कला के कद्रदान रहते हैं. लाइफ के हर पल को एंजॉय करते हैं. यहां आकर ऐसा ही लगता है. कोयलांचल को काले हीरे की धरती के नाम से जाना जाता है. ऐसा कहते हैं कॉमेडी किंग राजा रेंचो. वह गुरुवार को लॉफ्टर शो से पहले प्रभात खबर से विशेष बातचीत कर रहे थे. कहा : 10 साल की उम्र में पहला कार्यक्रम मुंबई स्थित अपने चॉल में किया था. मेरी मिमिक्री देख चॉल वालों ने एक रुपये दिये थे, जिसे पाकर बहुत खुशी हुई. पांच दशक से इस क्षेत्र से जुड़ा हूं. चॉल में मेरा बचपन बीता. स्कूल में शिक्षक व दोस्तों की नकल किया करता था. सभी मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे. छोटे- छोटे कार्यक्रम करता रहा. चार दशक पहले ऑर्केस्ट्रा की धूम थी. ऐसे कार्यक्रम में मिमिक्री करने के लिए एक मिनट का समय एक आयोजक से मांगा था, लेकिन नहीं मिला. इस बात से बहुत आहत हुआ. मौका नहीं मिलने से दुखी था, लेकिन उस दिन प्रण लिया कि एक दिन ऐसा आयेगा कि लोग मेरे शो में आकर ठहाके लगायेंगे. जब लोग लॉफ्टर शो में ठहाके लगाते हैं, असीम सुकून मिलता है.
अभिनेता राजकुमार हैं आइडल
राजा रेंचो बताते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री के अभिनेता राजकुमार आइडल हैं. उन्हें देख कर मिमिक्री करना सीखा. पहले मिमिक्री करता था, बाद में लॉफ्टर शो करने लगा. 2006 में लॉफ्टर शो में आया. लोग हंसते हैं, तालियां बजती है. यह मेरे लिए सबसे बड़ा रिवार्ड होता है.
मुंबई में बीता बचपन
राजा रेंचो के बचपन का नाम राजकुमार जावकर है. मुंबई में ही बचपन बीता. कहते हैं हमारे महाराष्ट्र का गणपति उत्सव बहुत धमाकेदार होता है. हमारे घर में छह दिवसीय गौरी गणेश उत्सव होता है. इसमें हमारे चॉल के लोग आते हैं. सभी मिलकर खूब मस्ती करते हैं. आज भी कभी समय मिलता है, तो चॉल चला जाता हूं.
2002 में मिला मेरा रेंचो
वर्ष 2002 में मुंबई के मैजिशियन से रेंचो मिला. इसके बाद हमारी राजा रेंचो की जोड़ी बनी. बचपन में रेंचो को लेकर बहुत क्रेज था, कि यह गुड्डा बोलता कैसे है. अब तो मेरा बेस्ट फ्रेंड है. रिसोर्ट में काम किया है. वहां से काफी कुछ सीखने को मिला. मेरी नजर में कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है.
2006 जीवन का टर्निंग प्वाइंट था
2006 मेरे जीवन का टर्निंग प्वाइंट था. उसके बाद मुड़कर पीछे नही देखा. अब तक लगभग तीन हजार शो कर चुका हूं. आज भी शो से पहले रिहर्सल करता हूं.
प्रभात खबर का शुक्रिया
प्रभात खबर और कोयलांचलवासियों को शुक्रिया. हमें आमंत्रित करने के लिए. काले हीरे की नगरी कोयलांचल की पहचान विश्व स्तर पर है. यहां शो करना हमें भी गौरवान्वित करता है.