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Dhanbad News : कोल इंडिया : 12वें जेबीसीसीआइ के गठन की संभावना बढ़ी

मप्र हाइकोर्ट की जबलपुर बेंच के फैसले व कमेटी की सिफारिशों के क्रियान्वयन पर टिकीं निगाहें

कोल इंडिया में 12वें जेबीसीसीआइ के गठन की संभावना बढ़ी है. कोल मंत्रालय द्वारा कोल अधिकारियों की वेतन विसंगति को लेकर गठित कमेटी की अनुशंसा के बाद इस दिशा में पहल होने की उम्मीद जतायी जा रही है. कोल इंडिया के सूत्रों के अनुसार, कमेटी की अनुशंसा जबलपुर हाइकोर्ट में प्रस्तुत की जायेगी. कोर्ट का फैसला आने के बाद ही इस पर निर्णय लिया जा सकेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कमेटी की अनुशंसा लागू होती है, तो डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीइ) के दिशा-निर्देशों के अनुसार आगे की कार्यवाही सुनिश्चित होगी. बताते चलें कि कोल अधिकारियों ने वेतन विसंगति को लेकर अदालत में याचिका दाखिल कर रखी है. उनका कहना है कि डीपीइ के दिशा-निर्देशों के अनुसार अधिकारियों का वेतन कर्मचारियों से कम नहीं होना चाहिए. हालांकि 11वें जेबीसीसीआइ के तहत कर्मचारियों का वेतन अधिकारियों से अधिक हो गया था. इससे बड़ा असंतुलन पैदा हो गया. कमेटी की रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि अनुशंसा कब से लागू होगी. इसका एरियर मिलेगा या नहीं. फिर भी यह उम्मीद की जा रही है कि लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद के सुलझने के बाद 12वें जेबीसीसीआइ का गठन सुचारू रूप से हो सकेगा. बता दें कि 11वें जेबीसीसीआइ की अवधि 30 जून 2026 को समाप्त होगी. एक जुलाई 2026 से 12वें जेबीसीसीआइ की अवधि शुरू होनी है. ऐसे में विवाद सुलझते ही संबंधित पक्ष वेतन समझौते की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकेंगे. कोल अधिकारियों व कर्मचारियों की नजर अदालत के फैसले व कमेटी की सिफारिशों के क्रियान्वयन पर टिकी है.

इधर, राहुल गांधी ने कोयला मंत्री को पत्र लिख मांग की : स्थायी रूप से विकलांग कर्मियों के आश्रित को मिले नौकरी

धनबाद. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कोयला व खान मंत्री जी किशन रेड्डी को पत्र लिखकर स्थायी रूप से विकलांग कोल कर्मियों के आश्रित को मुआवजा के रूप में नौकरी देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि हाल में संसद में उन्होंने कोल इंडिया के ऐसे श्रमिकों के परिजनों से मुलाकात की, जो खदानों में काम करते हुए स्थायी रूप से अपंग हो गये हैं. कोल इंडिया के वेज एग्रीमेंट की धारा 9.4.0 के तहत ऐसे श्रमिकों के आश्रितों को मुआवजा के रूप में स्थायी रोजगार देने का प्रावधान है. लेकिन यह हक अब तक कई परिवारों को नहीं मिला है. उन्होंने मांग की कि स्थायी रूप से विकलांग हर कोलकर्मी को तुरंत मान्यता देकर उनके आश्रित को स्थायी नौकरी दी जाये. कहा कि मजदूरों को उनका हक मिलना चाहिए.

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