12.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Dhanbad News: जिस विषय में रुचि हो, उसी में करियर बनाना आसान : संजय आनंद

Dhanbad News: क्रिसेंट इंटरनेशनल स्कूल में प्रभात खबर का करियर काउंसेलिंग

Dhanbad News: प्रभात खबर द्वारा आयोजित करियर काउंसेलिंग कारवां शुक्रवार को गोविंदपुर स्थित क्रिसेंट इंटरनेशनल स्कूल पहुंचा. कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को करियर चयन में मार्गदर्शन देना और उन्हें पढ़ाई के सही तरीकों से अवगत कराना था. स्कूल परिसर में हुए इस आयोजन में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए. मुख्य अतिथि स्कूल के निदेशक इशा शमीम और विशिष्ट अतिथि प्राचार्या विजेता दास ने छात्रों का उत्साहवर्धन किया. मुख्य वक्ता जाने-माने करियर काउंसलर सह गोल धनबाद के निदेशक संजय आनंद थे. उन्होंने विस्तार से बताया कि सही विषय और सही समय पर चुना गया करियर जीवनभर सफलता दिलाता है. कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इसमें छात्रों ने भी सक्रियता से हिस्सा लिया और अपने करियर से जुड़े सवाल पूछे.

आठवीं से दसवीं : करियर चयन का सबसे सही समय

संजय आनंद ने अपने संबोधन में कहा कि आठवीं से दसवीं कक्षा किसी भी छात्र के जीवन की दिशा तय करने का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव होता है. इसी समय छात्र को समझ में आने लगता है कि उसे किस विषय में रुचि है और भविष्य में किस क्षेत्र में काम करना है. उन्होंने कहा कि अगर इस समय छात्र अपने इंटरेस्ट वाले विषय को पहचान कर उसी दिशा में मेहनत करना शुरू करें, तो आगे की पढ़ाई और करियर बनाना आसान हो जाता है.

पढ़ाई की रणनीति और परीक्षा देने की कला

संजय आनंद ने कहा कि आज के प्रतियोगी युग में केवल ज्ञान होना काफी नहीं है. ‘पावर ऑफ नॉलेज’ से ज्यादा महत्वपूर्ण है ‘पावर ऑफ स्ट्रैटेजी’. परीक्षा में सफलता पाने के लिए सही रणनीति जरूरी है. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि परीक्षा की शुरुआत कभी भी कठिन सवालों से नहीं करें. पहले आसान सवाल हल करें ताकि आत्मविश्वास बढ़े और समय भी बचे. धीरे-धीरे मध्यम और अंत में कठिन सवालों पर ध्यान दें. इसके अलावा लिखने की गति और शुद्धता (एक्यूरेसी) भी बेहद जरूरी है. यह तभी संभव है जब छात्र लगातार अभ्यास करें. जितनी अधिक प्रैक्टिस करेंगे, उतनी ही तेजी और सटीकता आयेगी.

ध्यान और लक्ष्य की अहमियत

सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा कमजोर नहीं होता. ईश्वर ने सभी को समान दिमाग दिया है. फर्क सिर्फ इतना है कि कुछ छात्र अपनी दिशा खो देते हैं और लक्ष्य पर केंद्रित नहीं रह पाते. यही कारण है कि वे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर पाते. जब छात्र अपना लक्ष्य तय कर लेते हैं और उसे पाने के लिए फोकस्ड रहते हैं, तो किसी भी कठिनाई के बावजूद सफलता उनके कदम चूमती है. करियर के प्रति असमंजस और भटकाव से बचने के लिए छात्रों को आत्ममंथन करना चाहिए.

गोल्डेन रुल ऑफ स्टडी

संजय आनंद ने पढ़ाई के लिए एक खास गोल्डेन रुल बताया. उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र को एक समय में एक ही विषय पर ध्यान देना चाहिए. जब आप किसी विषय की पढ़ाई कर रहे हों, तो उसी पर फोकस करें और उस दौरान यह न सोचें कि कल दूसरा विषय भी पढ़ना है. इस तरह का विचलन ध्यान को कमजोर करता है और पढ़ाई का प्रभाव कम कर देता है. अगर छात्र एक समय में एक ही विषय पर ध्यान केंद्रित करें, तो समझने की क्षमता भी बढ़ेगी और याद रखने में भी आसानी होगी. यही आदत धीरे-धीरे उन्हें आत्मविश्वासी और सफल बनाती है.

एनसीइआरटी और मैथ की भूमिका

संजय आनंद ने एनसीइआरटी और मैथ को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की कुंजी बताया. उन्होंने कहा कि एनसीइआरटी की किताबें हर प्रतियोगी परीक्षा का आधार होती हैं. अगर छात्रों ने इन किताबों को अच्छे से पढ़ ले और उस पर मजबूत पकड़ बना लें, तो आगे की तैयारी बेहद आसान हो जाती है. मैथ किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की रीढ़ है. उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि नौवीं और दसवीं का सिलेबस बहुत ध्यान से पढ़ें, क्योंकि यह आगे की पढ़ाई यानी 11वीं और 12वीं से सीधे जुड़ा होता है. अगर छात्र नींव मजबूत करेंगे, तो इमारत अपने आप मजबूत होगी.

छात्रों के सवाल और जवाब

सत्र के अंत में छात्रों ने अपने मन की शंकाएं सामने रखीं. कई छात्रों ने पूछा कि पढ़ाई के दौरान ध्यान कैसे केंद्रित रखें, कठिन विषयों को आसान तरीके से कैसे समझें. संजय आनंद ने धैर्यपूर्वक सभी सवालों का उत्तर दिया. उन्होंने कहा कि ध्यान भटकने से बचने के लिए मोबाइल और सोशल मीडिया और गलत दोस्ती से दूरी बनाना जरूरी है. कठिन विषयों को आसान बनाने के लिए बार-बार प्रैक्टिस और समूह अध्ययन मददगार हो सकता है.

समय प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण

छात्रों के लिए पढ़ाई में समय प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण है. बिना समय के सही उपयोग के कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता है. सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता. इसके लिए निरंतर मेहनत, अभ्यास और अनुशासन जरूरी है. छात्रों को यह समझना होगा कि जितना समय वे सही ढंग से उपयोग करेंगे, उतना ही बेहतर परिणाम मिलेगा. स्कूल छात्रों को समय प्रबंधन की कला सिखाने का सबसे अच्छा स्थान है. यहां शिक्षक उन्हें सिखाते हैं कि पढ़ाई और अन्य गतिविधियों के बीच संतुलन कैसे बनाना है. यही संतुलन आगे चलकर सफलता की सीढ़ी बनता है.

इशा शमीम, निदेशक क्रिसेंट इंटरनेशनल स्कूल

स्कूल में करियर काउंसेलिंग सत्र का आयोजन छात्रों के लिए बेहद लाभकारी है. यह वह समय होता है जब वे करियर को लेकर दुविधा में रहते हैं और सही मार्गदर्शन की जरूरत महसूस करते हैं. ऐसे सत्र उन्हें आत्मविश्वास देते हैं और यह समझने में मदद करते हैं कि भविष्य में किस दिशा में आगे बढ़ना है. करियर काउंसेलिंग से उन्हें यह भी पता चलता है कि उनके लिए कौन सा विषय और क्षेत्र सबसे उपयुक्त है. प्रभात खबर का यह कदम सराहनीय है क्योंकि इससे छात्रों को जीवन की शुरुआती दौर में ही सफलता की सही राह मिलती है.

विजेता दास, प्राचार्या, क्रिसेंट इंटरनेशनल स्कूलB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel