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भूईंफोड़ में खूनी संघर्ष, बुजुर्ग ने पड़ोसी युवक की गोली मार की हत्या, पूर्व फौजी भाई घायल

सरायढेला थाना अंतर्गत सीएमपीएमफ कॉलोनी (भूईंफोड़) में बुधवार की शाम नाली विवाद को लेकर दो पड़ोसियों के परिवार के बीच हुए खूनी संघर्ष में कृष्णा सिंह के छोटे पुत्र शशि देव सिंह (38) की मौत हो गयी, जबकि बड़े पुत्र रवि देव सिंह (पूर्व सैनिक) सीने में गोली लगने से घायल हो गये

धनबाद : सरायढेला थाना अंतर्गत सीएमपीएमफ कॉलोनी (भूईंफोड़) में बुधवार की शाम नाली विवाद को लेकर दो पड़ोसियों के परिवार के बीच हुए खूनी संघर्ष में कृष्णा सिंह के छोटे पुत्र शशि देव सिंह (38) की मौत हो गयी, जबकि बड़े पुत्र रवि देव सिंह (पूर्व सैनिक) सीने में गोली लगने से घायल हो गये. गोली मारने का आरोप मृतक के बगलगीर काशीनाथ चौधरी और उसके पुत्र अरविंद चौधरी पर लगा है. दोनोें परिवार का घर ठीक आमने-सामने है. रवि देव को बेहतर इलाज के लिए दुर्गापुर मिशन अस्पताल भेज दिया गया है. पुलिस ने आरोपी काशी नाथ चौधरी, पत्नी विमला देवी, पुत्र अरविंद चौधरी व बहू को हिरासत में ले लिया है.

वर्ष 2013 में सेल चासनाला कोलियरी से रिटायर सीनियर फोरमैन कृष्णा सिंह ने बताया कि चौधरी परिवार से नाली को लेकर पुराना विवाद है. उसी मामले में काशीनाथ चौधरी ने उनके दोनों बेटों पर गोलियां चला दीं. काशीनाथ चौधरी रेलवे के रिटायर्ड ड्राइवर हैं. दूसरी ओर, चौधरी परिवार का कहना है कि सिंह बंधुओं ने उन लोगों की जमकर पिटाई की. आत्मरक्षार्थ उन्होंने गोली चलायी. घटना के बाद कॉलोनी में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है.

आरोपियों से उलझीं पीड़ित परिवार की महिलाएं, पुलिस ने बचाया

घटना के बाद आयी पुलिस ने जब आरोपी काशीनाथ चौधरी और उसके पूरे परिवार को अपनी गिरफ्त में ले लिया तो सिंह परिवार की महिलाएं व बच्चे आरोपियों से उलझ गये. वे खुद पकड़ कर हिसाब पूरा करना चाह रहे थे. लेकिन, पुलिस ने ऐसा नहीं करने दिया. आक्रोशित लोग आपे से बाहर हुए जा रहे थे.

आरोपी घर में ही थे, पुलिस के आने पर खोल दिया दरवाजा

घटना की जानकारी मिलते ही सरायढेला थाना प्रभारी किशोर तिर्की, डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर मुकेश कुमार, धनबाद थाना प्रभारी संजीव तिवारी तुरंत मौके पर पहुंचे. उन्हें बताया गया कि आरोपी पूरे परिवार के साथ अपने घर में है. पुलिस जवान ने दरवाजा खटखटाया तो चौधरी परिवार ने दरवाजा खोल दिया. महिला पुलिस के साथ सभी जवान घर के अंदर गये.

सबसे पहले घटना में प्रयुक्त लाइसेंसी राइफल व दो जिंदा कारतूस जब्त कर लिया गया. पुलिस ने पूरे परिवार को एक कमरे में बैठकर पूछताछ की. उसके बाद जिस स्थान से गोली चलायी गयी थी, पुलिस वहां भी पहुंची. पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया.

आरोपियों की हुई मेडिकल जांच

आरोपी काशीनाथ चौधरी, पत्नी विमला देवी, बेटा अरविंद चौधरी और बहू को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने अरविंद के चार साल के पुत्र को भी साथ ले जाने का आदेश दिया. उसके बाद पुलिस ने परिवार वालों के सामने घर के सभी कमरे में ताला लगा दिया. सभी को सरायढेला थाना की बजाय धनबाद थाना ले जाया गया. धनबाद थाना में चारों की मेडिकल जांच करायी गयी. फिलहाल चारों धनबाद थाना में बंद है.

पूर्व फौजी ने दिखाया हौसला, सीने में गोली… पर लेटने से किया मना

गोली लगने के बाद पूर्व सैनिक रवि को पीएमसीएच अस्पताल ले जाया गया. उसके सीने में गोली लगी थी. वह चिकित्सक को लिटाने से मना कर रहा था. मरहम-पट्टी के दौरान वह बेड पर बैठा रहा. उसका कहना था कि अगर वह लेट गया तो उसका बचना मुश्किल होगा. जब उसे मिशन अस्पताल ले जाया जा रहा था, तब भी वह एंबुलेंस में बैठा रहा. उसके परिचित और मेडिकल स्टॉफ ने लेटे रहने को कहा. इस पर उसने कहा कि मैं लेट नहीं सकता. बैठे-बैठे ही दुर्गापुर जाऊंगा.

कभी किसी से विवाद नहीं करता था शशि : पिता

पिता कृष्णा सिंह ने बताया कि छोटा बेटा शशि सिंह की पत्नी सोनी देवी है. उसे एक सात साल की बेटी और साढ़े तीन साल का बेटा है. शशि का किसी से कभी विवाद में आज तक नहीं रहा. बड़े बेटे रवि की पत्नी नीतू सिंह को एक 15 साल की बेटी और 10 साल का बेटा है.

पहले दोनों पक्षों में चले ईंट-पत्थर, फिर बॉलकोनी से राइफल का मुंह खुला

कृष्णा सिंह का बड़ा बेटा रवि देव सिंह पहले आर्मी की नौकरी में था. वर्ष 2017 में रिटायर होने के बाद बैंक ऑफ इंडिया आमाघाटा ब्रांच में नौकरी कर रहा था. छोटा बेटा शशि देव सिंह जमीन का कारोबार करता था. जानकारी के अनुसार बुधवार की शाम कृष्णा सिंह दुर्गा मंदिर व उनकी पत्नी काली मंदिर गयी हुई थी. इस दौरान रवि बैंक से ड्यूटी समाप्त कर शाम को घर पहुंचा. पहुंचते ही काशीनाथ चौधरी और उसका बेटा अरविंद चौधरी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ा कि मामला मारपीट तक पहुंच गया.

उसके बाद काशीनाथ चौधरी, पत्नी विमला देवी, बेटा अरविंद चौधरी और बहू भी छत से गाली-गलौज करने लगे. इस दौरान दोनों तरफ से ईंट-पत्थर चलाये जाने लगे. आरोप है कि इस बीच काशीनाथ चौधरी ने अपनी लाइसेंसी राइफल निकाल कर पहले तल्ले की बॉलकोनी से सामने वाले घर के नीचे खड़े सिंह परिवार के दोनों भाइयों पर गोली चला दी. उसमें एक गोली छोटे भाई शशि देव सिंह की जांघ के नीचे लगी.

गोली लगते ही वह गिर गया, जबकि बड़े भाई रवि देव सिंह की छाती की बायीं तरफ गोली लगी. वह भी जमीन पर गिर गया. आवाज सुन कर आस-पड़ोस के लोग दौड़ पड़े. लोगों को देखते ही काशीनाथ पूरे परिवार के साथ घर के अंदर चला गया. इस दौरान लोग आनन-फानन में दोनों घायलों को उठा कर पीएमसीएच ले गये. वहां चिकित्सकों ने छोटे भाई शशि देव सिंह को मृत घोषित कर दिया, जबकि बड़े भाई रवि देव सिंह को बेहतर इलाज के लिए मिशन अस्पताल रेफर कर दिया.

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