शहर का बिरसा मुंडा पार्क बदहाली का शिकार हो गया है. कभी लोगों के लिए सुकून और बच्चों के लिए मनोरंजन का ठिकाना माना जाने वाला यह पार्क अब उपेक्षा की मार झेल रहा है. पार्क में लगे झूलों की स्थिति बेहद खराब है. कई झूले टूट कर एक किनारे फेंक दिये गये हैं. स्लाइडर झूले में बड़े-बड़े छेद हो चुके हैं. बच्चों को लटकने वाले झूलों पर अब झाड़-झंखाड़ उग आये हैं. झूले के नीचे जगह-जगह कीचड़ और पानी भरा हुआ है. इससे न सिर्फ बच्चों का खेलना मुश्किल हो गया है, बल्कि दुर्घटना का डर भी बना रहता है. पार्क की अपनी टॉय ट्रेन ब्रेकर टूट गया है. कैटर पिलर झूले किसी काम के नहीं रहे. ड्रेगन ट्रेन, धूम व वोटैक्स रनिंग कंडिशन में है.
काफी समय से बंद पड़े हैं नल :
पार्क में लगे नल लंबे समय से बंद पड़े हैं. प्यास लगे तो बोतलबंद पानी खरीदना विवशता है. चारों ओर फैली गंदगी से दुर्गंध उठती रहती है. इससे पार्क में टहलना भी मुश्किल हो गया है. विडंबना यह है कि पार्क में निजी झूले और सुविधाएं चकाचक हैं, जबकि सार्वजनिक झूले और साधन पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि पार्क की हालत सुधारने के लिए नगर निगम और पार्क प्रबंधन को तुरंत कदम उठाने चाहिए, वरना यह स्थल लोगों के लिए बोझ और शर्मिंदगी का कारण बनकर रह जाएगा. इधर, नगर निगम के अधिकारी की मानें तो पिछले साल सभी झूले की मरम्मत व रंग रोगन कराया गया था. झूले की टूटने की जानकारी नहीं है. बुधवार को स्पॉट जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. अगर झूले खराब हैं, तो उसकी मरम्मत करायी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

