Dhanbad News : झारखंड आंदोलन के पुरोधा बिनोद बिहारी महतो की 102वीं जयंती पर मंगलवार पूरे जिला में कार्यक्रम आयोजित किया गया. मुख्य कार्यक्रम बलियापुर बीबीएम इंटर कॉलेज में हुआ. इंटर कॉलेज विकास समिति की ओर से पारंपरिक नटवा नृत्य के साथ झांकी निकाली गयी जो कृषि विज्ञान केंद्र होते हुए कॉलेज प्रांगण तक पहुंची. इस अवसर पर इस वर्ष मैट्रिक एवं इंटर की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया. कॉलेज प्रांगण में स्थित स्व बिनोद बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. आनंद सभागार में आयोजित समारोह में अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक व कॉलेज के सचिव आनंद महतो ने बिनोद बाबू के पढ़ो और लड़ो के नारे को मजबूत करने की बातें कही. कहा कि शैक्षणिक विकास के वह अग्रदूत थे.
बिनोद बाबू के विचार और प्रासंगिक : अरूप चटर्जी
मुख्य अतिथि निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि झारखंड के विकास के लिए उनके विचारों पर चलने की जरूरत है. शोषण मुक्त झारखंड के गठन के वह पक्षधर थे.
अपने कृतित्व के कारण मसीहा बने बिनोद बाबू : चंद्रदेव महतो
विशिष्ट अतिथि सिंदरी विधायक चंद्रदेव महतो ने बिनोद बाबू को झारखंड अलग राज्य आंदोलन के पुरोधा बताया. कहा कि उन्होंने उत्पीड़ित समाज को शिक्षित बनाया. इसलिए वह मसीहा कहे जाते हैं.
इन्होंने भी किया संबोधित
प्रमुख पिंकी देवी, हाजी अजीज खान, गणेश महतो, जगदीश प्रसाद अग्रवाल, बेंगू ठाकुर, गुरुचरण सिंह, प्राचार्य डॉ राकेश कुमार महतो, काशीनाथ मंडल, बुधन लाल महतो, जंगबहादुर महतो, रतन चंद्र महतो, मदन प्रमाणिक, दिनेश सरखेल, शंकर महतो, रतन चन्द्र महतो, प्रेमचंद महतो, भोलानाथ महतो, सुनील कुमार महतो, देवाशीष पांडेय, शीतल दत्ता, अविनाश महतो, शकुर खान, पंसस रोहित कुमार महतो, चंदन भूमिहार आदि. संचालन प्रो वरुण सरकार ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

