धनबाद.
बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद में दीक्षांत समारोह को लेकर 2023 से बैठकों का सिलसिला जारी है, लेकिन समारोह की तिथि की घोषणा आज तक नहीं हो सकी है. 70 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं. समारोह के आयोजन को लेकर कमेटियां गठित हो चुकी हैं, पर अब तक छात्रों को डिग्री समारोह का इंतजार है.अब तक केवल कागजी तैयारियों और बैठकों का दौर
जब प्रो. शुकदेव भोई कुलपति थे, तब विश्वविद्यालय प्रशासन ने 2023 में दीक्षांत समारोह आयोजित करने की घोषणा की थी. तब से अब तक केवल कागजी तैयारियों और बैठकों का दौर ही चल रहा है. वर्तमान कुलपति प्रो राम कुमार सिंह के कार्यकाल में ‘बैठक संस्कृति’ और तेज हो गयी. दीक्षांत समारोह की तैयारी के नाम पर कमेटियां तो बनीं, लेकिन परिणाम के नाम पर कुछ नहीं निकला. 2023 में समारोह की घोषणा किये जाने के बाद विश्वविद्यालय ने उसी वर्ष तक कोर्स पूर्ण कर चुके छात्रों का रजिस्ट्रेशन भी करा लिया था. एक साल बीत गये. अब 2024 बैच के छात्रों ने भी अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है. 2025 बैच की पढ़ाई भी समाप्ति की ओर है. बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर चुप्पी साधे बैठा है.
विधानसभा तक पहुंचा मामला, डेडलाइन का कोई फायदा नहीं
बीबीएमकेयू के दीक्षांत समारोह का मुद्दा अब सिर्फ कैंपस तक सीमित नहीं रहा है. मामला झारखंड विधानसभा तक पहुंच चुका है. सदन में उठाये गये सवाल के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने राज्य सरकार को मार्च 2025 तक समारोह आयोजित करने का भरोसा दिया था. यह वादा भी धरा का धरा रह गया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने नयी तारीखें देने के बजाय नयी वजहें बतायीं. कहा था कि पहले विश्वविद्यालय परिसर में बिनोद बिहारी महतो की प्रतिमा का अनावरण होगा, उसके कुछ दिनों के बाद ही दीक्षांत समारोह आयोजित होगा. प्रतिमा का अनावरण हुए अब छह महीने गुजर चुके हैं, बावजूद विश्वविद्यालय में बैठकों का दौर जारी है.
छात्रों के दबाव पर निकाला बीच का रास्ता
लगातार हो रही देरी से छात्रों में नाराजगी बढ़ती जा रही थी. डिग्री नहीं मिलने की वजह से छात्रों को दूसरे विवि में नामांकन या नौकरी मिलने में परेशानी आने लगी थी. छात्रों का दबाव बढ़ने पर विश्वविद्यालय ने बीच का रास्ता निकालते हुए उन छात्रों को प्रमाणपत्र देना शुरू किया, जिन्हें तत्काल डिग्री की आवश्यकता है.
2021 में आयोजित हुआ था पहला दीक्षांत समारोह
बीबीएमकेयू का पहला और आखिरी दीक्षांत समारोह जुलाई 2021 में हुआ था. दूसरे दीक्षांत समारोह की तिथि कागजों और कमेटियों में उलझ कर रह गयी है. सवाल यह है कि आखिर 70 से अधिक बैठकों के बाद भी छात्रों के सिर पर तिलक लगाने और उन्हें उनकी डिग्री सौंपने का दिन कब आयेगा.
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