Dhanbad News: जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में अब आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के लिए अलग वार्ड बनाये जायेंगे. इन वार्डों में केवल आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को भर्ती लिया जायेगा. इसका उद्देश्य स्वास्थ्य संस्थानों की आय में बढ़ोतरी करना और आयुष्मान योजना के लाभ को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना है. इस संबंध में उपायुक्त आदित्य रंजन ने योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है. निर्देश के अनुसार जिले के सभी सीएचसी और पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को अपने स्तर से आयुष्मान वार्ड की स्थापना सुनिश्चित करना है. इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों को आवश्यक संसाधन, बेड, उपकरण और कर्मचारियों की व्यवस्था करने का निर्देश दिये गये हैं.
वर्तमान में मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल तक सीमित थी सेवा
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना का लाभ केवल मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल और कुछ बड़े निजी अस्पतालों तक सीमित था. लेकिन नयी व्यवस्था लागू होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को निःशुल्क भर्ती और इलाज की सुविधा मिलेगी. इससे दूर-दराज के मरीजों को जिला अस्पताल आने की जरूरत नहीं पड़ेगी और स्थानीय स्तर पर ही उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी.
सीएचसी व पीएचसी के आय में हाेगी वृद्धि
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार सीएचसी और पीएचसी में आयुष्मान वार्ड बनने से न केवल मरीजों को लाभ होगा, बल्कि अस्पतालों की आय में भी वृद्धि होगी. योजना के तहत अस्पताल को प्रति मरीज उपचार की राशि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से प्राप्त होती है. इससे अस्पताल के रख-रखाव और संसाधनों में सुधार होगा. उपायुक्त आदित्य रंजन ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सभी सीएचसी और पीएचसी प्रभारी अपने केंद्र में आयुष्मान वार्ड की स्थापना कर रिपोर्ट जिला स्वास्थ्य समिति को सौंपे. इसके साथ ही अस्पतालों में आने वाले आयुष्मान लाभार्थियों को योजना से जुड़ी जानकारी और प्रक्रिया समझाने के लिए हेल्प डेस्क भी स्थापित करें.
जिले में 46 सीएचसी व पीएचसी हैं संचालित
धनबाद जिले में कुल 46 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), अर्बन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (यूसीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) व अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) संचालित हैं. इसमें आठ सीएचसी, दो यूसीएचसी शामिल हैं. इसके अलावा कुल पीएचसी की संख्या 26 व यूपीएचसी की संख्या 10 है.
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