रविवार को ही आदर्श कुपोषण केंद्र की शुरुआत की गयी है. अस्पताल के बाहर में पौधे लगाये गये थे. सोमवार को यहां लगे पौधे नहीं थे. दूसरी ओर कचड़ा जमा कर छोड़ दिया गया है. इसमें खाने के प्लेट से लेकर उद्घाटन समारोह में उपयोग किये गये सामानों के रेपर फेंके हुए हैं.
कुपोषण केंद्र का हाल भी बदहाल
आदर्श कुपोषण केंद्र में डॉक्टर से लेकर कर्मचारियों तक की ट्रेनिंग नहीं हो पायी है. कुछ लोगों की ट्रेनिंग के भरोसे ही केंद्र का संचालन हो रहा है. यही कारण है कि सदर अस्पताल से 11 साल की बच्ची को भी कुपोषण केंद्र भेज दिया जा रहा है. यहां पहुंचने पर बताया जा रहा गया कि छह साल तक के बच्चों का उपचार होता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

